नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव (कॉलेजिज) ने तीन महीने पूर्व विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी कॉलेजों के प्राचार्यो तथा संस्थान के निदेशकों से यह जानकारी मांगी थी कि ईडब्ल्यूएस की 10 फीसदी अतिरिक्त सीटें बढ़ने पर उनके कॉलेज में कितने अध्यापकों की जरूरत होगी.
कॉलेजों के प्राचार्यों ने शैक्षिक व गैर शैक्षिक पदों के आंकड़े विश्वविद्यालय को भेज दिए. भेजे गए शैक्षिक पदों के आंकड़ों को लेकर पिछले दिनों डूटा के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय भागी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकत की थी. शिक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे ही अपने कॉलेजों में शिक्षकों की 75 फीसदी पदों पर स्थाई भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लेगा शिक्षा मंत्रालय उन्हें ईडब्ल्यूएस के कारण बढ़ी सीटें दे देगा.
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फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस शिक्षक संगठन के चेयरमैन डॉक्टर हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में शैक्षिक पदों पर ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को 10 फीसदी अतिरिक्त सीटों का ब्यौरा 46 कॉलेजों के प्राचार्यों ने उपलब्ध करा दिया है. प्राचार्यों ने छात्रों की बढ़ी संख्या के आधार पर 25 फीसदी अतिरिक्त शिक्षकों की मांग की है. इन कॉलेजों में 1891 सीटों के बढ़ने की संभावना है. अभी लगभग 35 कॉलेजों के आंकड़े जारी होने हैं. यदि सभी कॉलेज ईडब्ल्यूएस सीटें जारी करते हैं तो 25 सौ सीटों का इजाफा होगा.
डॉ.सुमन का कहना है कि कॉलेजों व संस्थानों में ईडब्ल्यूएस की अतिरिक्त सीटों के बढ़ने से सामान्य वर्गों के उन एडहॉक टीचर्स को राहत मिलेगी जिनकी सीटें 200 पॉइंट पोस्ट बेस रोस्टर के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस में चली गई थीं तथा स्थाई नियुक्ति के समय कुछ कॉलेजों से डिस्प्लेसमेंट भी हुए हैं.
डॉ. हंसराज सुमन ने डूटा अध्यक्ष प्रोफेसर एके भागी से मुलाकात कर उनसे ईडब्ल्यूएस की अतिरिक्त सीटों पर बातचीत की. प्रोफेसर भागी ने बताया कि ईडब्ल्यूएस की टीचिंग पोस्ट्स के लिए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से लंबी बातचीत हुई है. उनका कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय पहले विज्ञापित पदों पर 75 फीसदी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करे. इन पदों के भरने के बाद शिक्षा मंत्रालय दिल्ली विश्वविद्यालय को 25 फीसदी ईडब्ल्यूएस की अतिरिक्त सीटें देगा.
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