नई दिल्ली: प्रजा फाउंडेशन ने दिल्ली में पुलिस और कानून व्यवस्था (Police and law and order in Delhi) की स्थिति पर अपनी सालाना रिपोर्ट जारी किया है. रिपोर्ट में सामने आया कि पिछले नौ वर्षों में दिल्ली के प्रमुख अपराधों में 440% वृद्धि हुई है. इस रिपोर्ट में मामलों की जांच के साथ-साथ दिल्ली के मुकदमे की कार्यवाही में लंबित मामलों पर भी प्रकाश डाला गया है.
रिपोर्ट में यह सामने आया कि नागरिक अब अपने प्रति होने वाले अपराधों की रिपोर्ट अधिक संख्या में करा रहे हैं और अपराधों को लेकर जागरूक हैं. हालांकि दिल्ली में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों में तेजी चिंताजनक है.
प्रजा फाउंडेशन के सीईओ मिलिंद महस्के ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते अपराध से निपटने के लिए सुव्यवस्थित पुलिस सिंह और कानून व्यवस्था महत्वपूर्ण कारक हैं. हालांकि जांच और न्यायपालिका के स्तर पर लंबित मामले पीड़ितों को न्याय दिलाने में देरी दिखाते हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध ((Crime Against Women In Delhi) के लंबित मामले 2017 में 58% से घटकर 2021 में 56% हो गए हैं.
उन्होंने जोड़ा कि जांच में देरी का कारण दिल्ली पुलिस बल में रिक्त पद भी हो सकते हैं, क्योंकि वित्त वर्ष 2021 22 में पुलिस कर्मचारियों में 12% रखती थी. इसमें सबसे ज्यादा अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त के पद रिक्त थे, जो 74% थे. हालांकि, दिल्ली पुलिस द्वारा पुलिस निरीक्षक सब इंस्पेक्टर और सहायक सब इंस्पेक्टर के रिक्त पदों की सूचना आरटीआई में नहीं दी गई.