दिल्ली

delhi

IGNCA Foundation day: 36 वां स्थापना दिवस आज से शुरू, गृहमंत्री करेंगे वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ

By

Published : Mar 19, 2023, 2:30 PM IST

दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का 36वां स्थापना दिवस आज से शुरू हो गया है. 24 मार्च तक चलेगा. इस दौरान प्रतिदिन अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

indira gandhi national centre for the arts
indira gandhi national centre for the arts

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का 36वां स्थापना दिवस, 19 से 24 मार्च तक जनपथ स्थित आईजीएनसीए परिसर में मनाया जाएगा. इस दौरान 6 दिनों तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें चर्चा, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि शामिल हैं. आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि, स्थापना दिवस के दौरान 23 मार्च को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ करेंगे. इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशनरेड्डी भी उपस्थित रहेंगे. यह पोर्टल हमारी वैदिक ज्ञान परंपरा के बारे में शोधकर्ताओं को गहरी समझ विकसित करने में तो मदद करेगा ही, साथ ही आम लोगों में वेदों के बारे में सामान्य समझ विकसित करेगा.

इस कार्यक्रम के साथ होगी शुरुआत:इस आयोजन की शुरुआत, 19 मार्च को 11 बजे अंतरराष्ट्रीय फोटो प्रदर्शनी के साथ होगी. इसमें विभिन्न देशों के लोगों द्वारा लिए गए तिरंगा यात्रा की तस्वीरों को प्रदर्शित किया जाएगा. इस दिन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के प्रकाशनों का लोकार्पण भी किया जाएगा. साथ ही, कला संग्रह एवं विरासत के संरक्षण में देश के अग्रणी नाम, ओम प्रकाश जैन का आईजीएनसीए द्वारा सम्मान भी किया जाएगा. 22 मार्च को 'पारंपरिक ज्ञान संसाधनों से संबंधित कॉपीराइट मुद्दे, पांडुलिपियों के विशेष संदर्भ में' विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. इसी दिन डॉ. चैतन्य अग्रवाल और डॉ. मीना अग्रवाल की पुस्तक 'ऊर्जा युक्त जल' के लोकार्पण के साथ उस पर चर्चा का भी आयोजन किया जाएगा. आयोजन के अंतिम दिन यानी 24 मार्च को, प्रो. सीताराम दूबे 'वैदिक एंड इंडस सिविलाइजेशन: टू आस्पेक्ट्स ऑफ वन इंडियन सिविलाइजेशन' विषय पर व्याख्यान देंगे. 6 दिन तक चलने वाले इस आयोजन में प्रतिदिन शाम को देश के प्रसिद्ध कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें नृत्य, गायन, वादन आदि विधाएं शामिल हैं.

जानिए इस संस्थान के बारे में:भारत एक गतिशील सभ्यता है. दुनिया की कई प्राचीन सभ्यताएं अब बस इतिहास का हिस्सा हैं, लेकिन भारत एक सभ्यता के रूप शताब्दियों से निरंतर गतिमान है. उसका सबसे महत्त्वपूर्ण कारण है यहां की संस्कृति, यहां के दर्शन और यहां की कलाएं. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय का स्वायत्त संस्थान इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र न्यास, उसी जीवंत संस्कृति, कला और दर्शन को सहेजने, आगे बढ़ाने और लोगों के सामने लाने का महत्त्वपूर्ण काम कर रहा है. 1987 में राजधानी दिल्ली में आईजीएनसीए के रूप में कला संस्कृति के संरक्षण का एक बीज बोया गया था, जो साढ़े तीन दशकों के अपने जीवनकाल में एक विशाल वृक्ष बन चुका है. इसकी शाखाएं-प्रशाखाएं दिल्ली से लेकर देश के विभिन्न शहरों में फैली हैं. आईजीएनसीए की शुरुआत पांच प्रभागों से हुई थी- कला निधि, कला कोश, कला दर्शन, जनपद संपदा और सूत्रधार. इन सभी प्रभागों के प्रतीक के रूप में पांच वृक्षों को लगाया गया था.

यह भी पढ़ें-डॉक्टरों को नहीं जाना होगा विदेश, यहीं मिलेगी रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग, AIIMS ने किया MOU

समय के साथ आईजीएनसीए के कार्यों का दायरा विस्तृत होता गया और कई नए प्रभाग अस्तित्त्व में आए. सन् 1994 कल्चरल इन्फॉर्मेटिक्स प्रयोगशाला (सीआईएल) की स्थापना में एक मल्टीमीडिया शोध केंद्र के रूप में की गई थी. वहीं लगभग ढाई दशक पहले मीडिया सेंटर की भी शुरुआत हुई थी. आज मीडिया सेंटर, ऑडियो-विजुअल डॉक्युमेंटेशन का एक विशाल भंडार बन चुका है. यह मीडिया सेंटर विभिन्न समाचार माध्यमों और सोशल मीडिया के जरिए आईजीएनसीए की गतिविधियों को लोगों तक पहुंचाने का काम सफलतापूर्वक कर रहा है.

यह भी पढ़ें-भारत में अंगदान बढ़ाने को लेकर एम्स में नए प्रोग्राम की शुरुआत, कई विदेशी डॉक्टरों ने की शिरकत

ABOUT THE AUTHOR

...view details