नई दिल्ली: दिल्ली के चर्चित और ऐतिहासिक धरोहर में शामिलसफदरजंग मकबरा अब पुराने रूप में चमकता हुआ दिखाई देगा. इस धरोहर को नया रूप देने के लिए राजस्थान से कारीगर बुलाए गए हैं. राजस्थान के मकराना से विशेष तौर पर पत्थर भी मंगवाए जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल मकबरे में किया जाएगा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) मकबरे पर संरक्षण कार्य कर रहा है. यहां पर दीवारों पर आर्काइव बनाने का काम शुरू हो गया है.
दरअसल, जी 20 महासम्मेलन की अध्यक्षता भारत कर रहा है. विदेशी मेहमान भारत आने लगे हैं. सितंबर में विदेशी मेहमान दिल्ली में होंगे. यह मेहमान पुराना किला, कुतुब मीनार, लालकिला और सफदरजंग का मकबरा का दीदार करेंगे. इन धरोहर पर विदेशी मेहमान के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. इसे लेकर इन धरोहरों को संवारने का काम शुरू हो गया है.
300 वर्ष पुरानी आर्काइव का डिजाइन तैयार:सफदरजंग मकबरे में लगभग 300 वर्ष पूर्व मुगल शासन के दौरान यहां की दीवारों पर आर्काइव उकेरी गई थी. समय के साथ दीवारों से यह आर्काइव धुंधली होती चली गई. हालांकि अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की लंबी रिसर्च के बाद मुगल शासन के दौरान दीवारों पर उकेरी गई आर्काइव का डिजायन तैयार कर लिया है. एएसआई के अनुसार, साल 2021 में स्मारकों की कुछ दीवारों पर यह आर्काइव बनाई गई. बाकी की दीवारों पर जल्द ही यह कार्य कर किया जाएगा. एएसआई इसके बाद इन पर प्राकृतिक रंग भी लगाएगी. जिससे यह देखने में काफी सुंदर और आकर्षक लगेगा.
ऐसे बढ़ेगी मकबरे की लाइफ:एएसआई के अनुसार मकबरे के ऊपर वाले छोड़ गुम्बद पर प्लास्टर झड़ गया है. जगह-जगह फूल पौधे निकल आए हैं. पत्थरों के बीच दरार आ गई है. अब ऐसे पत्थरों को निकालकर नए पत्थर लगाए जाएंगे. इसके बाद प्लास्टर किया जाएगा. इसके बाद एएसआई द्वारा तैयार किया गया कलर इस पर लगाया जाएगा. जी 20 सम्मेलन को देखते हुए पाथवे को दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि विदेशी मेहमानों के साथ देशी पर्यटकों को भी किसी भी तरह से कोई दिक्कत न हो.
पार्किंग की सुविधा की गई बेहतर:मकबरे के बाहर पार्किंग की सुविधा बेहतर की जा रही है. पहले यहां पार्किंग का स्पेस कम था, लेकिन अब स्पेस को बढ़ाया जा रहा है.