नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ओर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेहतर सीवरेज प्रबंधन और यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए अनधिकृत कालोनियों और गांवों को सीवर नेटवर्क से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. इसी के तहत उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जलबोर्ड को वजीराबाद, भलस्वा और स्वरूप नगर की 29 अनधिकृत कॉलोनियों और 3 गांवों के सभी घरों में सीवर लाइन कनेक्शन देने की योजना को स्वीकृति दी है. इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद इलाके की अनधिकृत कॉलोनियों और गांवों के करीब 5 लाख लोगों को सीवर की समस्या से राहत मिलेगी. इन परियोजनाओं की कुल लागत 77.7 करोड़ रुपए है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि वर्तमान में इन इलाकों में कुछ जगह इंटरनरल और पेरिफेरल सीवर लाइन बिछाने का कार्य अंतिम दौर पर चल रहा है तो कुछ जगह पूरा हो चुका है. जल्द दिल्ली जल बोर्ड द्वारा इलाके के उपभोक्ताओं के घरों तक घरेलू सीवर कनेक्शन लाइन का विस्तार किया जाएगा. ताकि लोगों को सीवर की समस्या से न जूझना पड़े. साथ ही खुद सीवर लाइन जोड़ने और सड़क काटने के लिए संबंधित एजेंसियों से स्वीकृति लेने की जरूरत न पड़े.
अनधिकृत कॉलोनियों के घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगाः उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि बेहतर सीवरेज प्रबंधन और 24 घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में चरणबद्ध तरीके से दिल्ली सरकार काम कर रही है. साफ-सफाई, यमुना को स्वच्छ और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए सीवर लाइनों का विस्तार कर हर घर कनेक्शन देना जरूरी है. वजीराबाद की 12 अनधिकृत कॉलोनियों और 3 गांवों और भलस्वा की 3 अनधिकृत कॉलोनियों के सभी घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा. यहां सीवरेज सिस्टम न होने से स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक या बरसाती नालों में सीवेज छोड़ा जाता है, जो नाले से यमुना नदी में गिरता है. इससे नदी के प्रदूषण स्तर में वृद्धि होती है. ऐसे में इस जल प्रदूषणकारी तत्वों को कम करने के लिए हर घर कों सीवेज से जोड़ा जाएगा. यहां से निकलने वाला सीवरेज, सीवर लाइनों के माध्यम से नजदीकी ट्रीटमंट प्लांट में ट्रीट के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद ट्रीटेड पानी यमुना में बहेगा.