नई दिल्ली:साल 2020 एक ऐसा साल जिसे कोई भी व्यक्ति कभी भी नहीं भुला पाएगा क्योंकि कोरोना की वजह से कहीं ना कहीं इस साल हर एक व्यक्ति की जिंदगी की रफ्तार रुकते हुए नजर आईं. साल 2020 दिल्ली नगर निगम के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा.
जहां दिल्ली नगर निगम के तीनों भाग उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम इस पूरा साल खराब वित्तीय हालात से लड़ती नजर आई. वहीं दिल्ली सरकार और निगम के बीच में फंड को लेकर खींचतान सरेआम देखने को मिली और दिल्ली नगर निगम के साथ-साथ दिल्ली सरकार का भी सोशल मीडिया पर मजाक बनता नजर आया.
फंड की खींचतान के चलते ना तो दिल्ली में कोई विकास कार्य हो पाया और ना ही राजधानी दिल्ली की जनता को मूलभूत सुविधाएं सही तरीके से मिल पाईं. इस खींचतान का दिल्ली की जनता और निगम कर्मचारियों को खामियाजा भुगतना पड़ा. यहां तक कि निगम के कर्मचारियों को 4 महीने का वेतन भी दिसंबर माह तक नहीं मिला था. सिर्फ साउथ एमसीडी के कर्मचारियों को ही समय पर वेतन मिल पा रहा है. लेकिन वह भी 15 दिन की देरी के साथ.
कोरोना के चलते अधर में लटके विकास कार्य
मार्च के महीने से लॉक डाउन लगने के साथ ही दिल्ली नगर निगम की किस्मत पर भी लॉक डाउन लग गया. ना तो निगम भली-भांति तरीके से अपना राजस्व अर्जित कर पाया और ना ही विकास कार्यों की रफ्तार को भलीभांति तरीके से बड़ा पाया.
दिल्ली की तीनों नगर निगम द्वारा किए जाने वाले विकास कार्य इस साल कोरोना की वजह से अधर में लटके नजर आए. खराब आर्थिक स्थिति के चलते इस साल के शुरुआती 2 महीनों में भी विकास कार्य भली-भांति तरीके से शुरू नहीं हो पाए थे. सिर्फ साउथ एमसीडी तीनों नगर निगम में एक ऐसा विभाग था. जो अपनी जिम्मेदारी निभाने में कहीं ना कहीं सफल रहा. जबकि उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे.
मूलभूत सेवाओं पर भी पड़ा असर
कोरोना के चलते लॉक डाउन लगने की वजह से दिल्ली नगर निगम द्वारा दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं के ऊपर भी इसका असर देखा गया. पार्किंग, स्वास्थ्य सुविधाएं, स्कूल, साफ-सफाई, खुले में शौच मुक्त कुछ ऐसे मुद्दे हैं. जिसके ऊपर दिल्ली नगर निगम कहीं ना कहीं पूर्ण रूप से विफल होती नजर आई.
सिर्फ दक्षिण दिल्ली नगर निगम एक ऐसी सिविक एजेंसी रही, जिसने कुछ हद तक इन सभी मूलभूत सुविधाओं को जनता तक पहुंचाने में कामयाबी पाई. एक तरह से कहा जाए तो यह पूरा साल दिल्ली नगर निगम के लिए बीते सालों में सबसे खराब साल रहा.
कूड़े का निस्तारण
कूड़े का निस्तारण एक ऐसा क्षेत्र जो दिल्ली नगर निगम के लिए इस साल अच्छी खबर लेकर आया.कोरोना महामारी के बावजूद भी दिल्ली नगर निगम इस पूरे साल अपनी जिम्मेदारी निभाने में कहा जाए तो कामयाब रहा.
कोरोना की वजह से राजधानी दिल्ली में रोजाना 20 हजार मैट्रिक टन से भी ज्यादा बायो मेडिकल वेस्ट उत्पन्न हो रहा है. जिसका निस्तारण दिल्ली नगर निगम के द्वारा भली-भांति तरीके से किया जा रहा हैं. वहीं सामान्य तौर पर भी जो कूड़ा दिल्ली के अंदर उत्पन्न हो रहा है.
उसका निस्तारण नगर निगमों के द्वारा भली-भांति तरीके से किया जा रहा है. जबकि दिल्ली में तीन बड़े कूड़े के पहाड़ है. जो कि भलस्वा, गाजीपुर और ओखला लैंडफिल साइट पर स्थित है. इन तीनों जगह नगर निगम के द्वारा विशेष तौर पर अभियान चलाया जा रहा है. ताकि इन कूड़े के पहाड़ों को जल्द से जल्द खत्म किया जा सके.
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