नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने आदेशों का पालन नहीं करने और सीवेज का प्रदूषित पानी यमुना में छोड़ने पर दिल्ली जल बोर्ड और नोएडा प्राधिकरण पर 150 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
एनजीटी ने ये जुर्माना तय मानकों के मुताबिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम नहीं करने और कोंडली/नोएडा ड्रेन के जरिये प्रदूषित पानी यमुना नदी में छोड़ने के लिए लगाया गया है। एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड पर सौ करोड़ रुपए और नोएडा प्राधिकरण पर पचास करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। एनजीटी ने जुर्माने की ये रकम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खाते में जमा करने का निर्देश दिया। इस रकम का इस्तेमाल पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य को हुए नुकसान की भरपाई पर खर्च होगा।