नई दिल्ली:पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्वादिष्ट जायकों की भरमार है. यहां गली, कूचे, कटरे में अलग-अलग किस्म के नमकीन और मीठे पकवान मिलते हैं. वहीं, अगर आप को चांदनी चौक में दरीबा कलां के आसपास शॉपिंग के दौरान देसी घी की खुशबू आने लगे तो समझ जाइए कि आप ओल्ड फेमस जलेबी वाले के पास पहुंच गए हैं. देसी घी में जब जलेबी को तला जाता है और जब इसको चीनी की चाशनी में डुबोकर निकाला जाता है, तो हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है.
दरीबा कलां बाजार में है दुकान:दुकान के मालिक अभिषेक जैन ने बताया कि लाल किले के ठीक सामने चांदनी चौक में आगे बढ़ते ही बायीं ओर दरीबा कलां बाजार शुरू होता है. इसी कोने पर 139 साल से जलेबी बना रहे हैं. जलेबी और मटर समोसे के चहेतों की सुबह 10 बजे से ही लंबी कतार लगनी शुरू हो जाती है. उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वजों ने 1884 में दुकान खोला था. दादा, फिर पिता जी और अब मैं अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी हैं, जो जलेबी बना रहे हैं.
दूर-दूर से जलेबियां खाने आते हैं लोग:अभिषेक ने बताया कि उनकी जलेबी पुरानी दिल्ली में ही नहीं बल्कि दूर-दूर तक काफी मशहूर है. लोग उनकी बनाई शुद्ध देशी घी की जलेबियां खाने आते हैं. भारत से विदेश में जाकर बसे उनके ग्राहक जब दिल्ली आते हैं, तो उनकी दुकान पर आकर करारी रबड़ी जलेबी का मजा नहीं भूलते. दुकान पर रबड़ी जलेबी और आलू मटर के समोसे मिलते हैं. यहां अगर आप सिर्फ 100 ग्राम जलेबी खाते हैं, तो वो आपको 600 रुपए की मिलेगी.
जलेबी के साथ रबडी खाना चाहते हैं, जो इसके जायके को बढ़ा देती है तो आपको 85 रुपए देने पड़ेंगे. आज की तारीख में 1 किलो जलेबी का भाव 600 रुपये किलो है. अभिषेक ने बताया कि 45 साल पहले यही जलेबी 40 रुपए किलो थी. इसके अलावा इनका मटर समोसा भी काफी मशहूर है, जिसका दाम इन्होंने 25 रुपए रखा है, वो भी शुद्ध देशी घी में तैयार किया जाता है. 45 साल पहले समोसों का दाम मात्र 1 रुपए प्रति पीस था.