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आउटसोर्सिंग के जरिए दिल्ली पुलिस में रखे जाएंगे 1000 डाटा एंट्री ऑपरेटर - डाटा एंट्री ऑपरेटर दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस आउटसोर्सिंग के जरिए करीब 1000 डाटा एंट्री ऑपरेटर को रोजगार देने जा रही है. पहले साइबर एक्सपर्ट, फॉरेंसिक एक्सपर्ट के बाद अब दिल्ली पुलिस ने डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए आउटसोर्सिंग शुरू कर दी है.

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दिल्ली पुलिस में रखे जाएंगे 1000 डाटा एंट्री ऑपरेटर

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Published : Jun 23, 2021, 6:29 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस आउटसोर्सिंग के जरिए करीब 1000 डाटा एंट्री ऑपरेटर को रोजगार देने जा रही है. इन्हें पुलिस थानों, डीसीपी ऑफिस और दूसरी यूनिट में भेजा जाएगा, जहां ये कंप्यूटर में सही तरीके से ये डाटा दर्ज करेंगे. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि टेंडर की सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और पूर्वी दिल्ली के एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को डाटा एंट्री ऑपरेटर का काम दिया गया है.

CCTNS के तहत करेंगे एंट्री

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस द्वारा चुने गए कंपनी द्वारा दिल्ली पुलिस को करीब 2700 डाटा एंट्री ऑपरेटर की लिस्ट दी जाएगी, जिनमें से पुलिस द्वारा 914 डाटा एंट्री ऑपरेटर को चुनकर उन्हें काम पर रखा जाएगा.चुने गए सभी डाटा एंट्री ऑपरेटर को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम के तहत डाटा एंट्री करने के लिए रखा जाएगा. अभी के समय यह काम कॉन्स्टेबल हेड कांस्टेबल लेवल के कर्मचारी करते हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में कोई विशेषज्ञता नहीं होती है.

दिल्ली पुलिस में रखे जाएंगे 1000 डाटा एंट्री ऑपरेटर
इन जिलों को मिलेंगे इतने डेटा ऑपरेटर
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल को डाटा एंट्री का काम करने से राहत मिलने के बाद उन्हें क्राइम कंट्रोल करने में लगाया जा सकेगा. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सबसे ज्यादा 60-60 डाटा एंट्री ऑपरेटर साउथ ईस्ट और सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट को दिए जाएंगे. इसके अलावा विजिलेंस डिपार्टमेंट और क्राइम ब्रांच को भी बड़ी संख्या में डाटा एंट्री ऑपरेटर दिए जाएंगे.
स्वागतयोग्य है फैसला
पुलिस मामलों के जानकार और रिटायर्ड एसीपी वेदभूषण ने बताया कि दिल्ली पुलिस का यह फैसला स्वागत योग्य है. अभी के समय डाटा एंट्री का काम पुलिसकर्मियों द्वारा किया जाता है, जो इस मामले में दक्ष नहीं होते. पुलिस का मुख्य काम क्राइम कंट्रोल करना है तो ऐसे में ये उम्मीद लगाई जा रही है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर की भर्ती होने के बाद थानों और डीसीपी ऑफिस में पेंडिंग डाटा को कंप्यूटराइज किया जा सकेगा. इसके बाद डाटा एंट्री के काम में लगे पुलिसकर्मियों को क्राइम कंट्रोल करने में लगाया जा सकेगा. इससे पहले भी दिल्ली पुलिस आउटसोर्सिंग के जरिए वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट की सेवा लेती रही है.

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