नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद तिहाड़ के अलग-अलग जेलों से 4000 से अधिक वो कैदी, जिन्हें कोरोना काल में जमानत पर छोड़ा गया था. वह अभी तक वापस नहीं लौटे हैं. ऐसे में तिहाड़ जेल प्रशासन की चिंता बढ़ गई है और उनको वापस लाने के लिए कानूनी प्रयास तेज किए जा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख:कोरोना काल में लोगों को तरह-तरह की परेशानियां झेलनी पड़ी थी. तिहाड़ जेल में फैले कोरोना से कैदियों को बचाने के लिए 4000 से अधिक कैदियों को जमानत दी गई थी, ताकि वो कोरोना की चपेट में ना आएं और उनकी जान बची रहे, लेकिन अब तक यह कैदी तिहाड़ जेल वापस नहीं आए हैं. जिसको लेकर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च को 4000 से अधिक कैदियों के लिए निर्देश जारी किया था कि 15 दिनों के अंदर वो अपने आप को समर्पण कर दें.
महज 100 कैदियों ने ही किया आत्मसमर्पण:सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 5 अप्रैल तक महज 100 कैदियों ने ही आत्मसमर्पण किया है. जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने जो 15 दिन का समय इन कैदियों के जेल वापस आने के लिए निर्धारित किया है. उसकी मियाद 8 अप्रैल को पूरी होगी. अब देखना यह होगा कि अगले 3 दिनों में कितने कैदी खुद से सरेंडर करते हैं.
सरेंडर नहीं करने पर होगी सख्त कार्रवाई:हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद जेल प्रशासन ऐसे हजारों कैदियों को वापस जेल लाने को लेकर कानूनी कार्रवाई में जुट गया है. यह बताया गया है कि जो तय समय सीमा के भीतर खुद को सरेंडर नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 2020-21 में कोरोना तेजी से फैला हुआ था और जेल में भी कई कैदी कोविड की चपेट में थे. तब लगभग 3630 विचाराधीन कैदियों और 751 सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल और इंटेरिम बेल दी गई थी. इसके पीछे वजह यह बताई गई थी कि जेल में संख्या से अधिक कैदी हैं.
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