नई दिल्ली: जंगल वन्यजीवों का है और हमेशा रहेगा और इसी जंगल में अब वन्यजीवों को खाना-पानी की भरपूर व्यवस्था होगी. उन्हें खाना और पानी की तलाश में शहरी इलाकों की ओर रुख नहीं करना होगा. वह अपने घर में रखकर खाना खा सकेंगे. वन्यजीवों के खाना पानी की व्यवस्था पर वन्य विभाग प्लान कर रहा है. दरअसल, दिल्ली के 483 हेक्टेयर में फैले सेंट्रल रिज में विभिन्न प्रजाति के वन्य जीव हैं. इनमें नील गाय, जैकाल, बंदर और कुछ अन्य प्रजाति के जीव हैं. इसके अलावा कई पक्षी भी हैं. अक्सर यहां देखने को मिलता है कि खाना-पानी की तलाश में वन्य जीव खासतौर पर बंदर सड़कों पर आ जाते हैं. इस दौरान वन्य जीव दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.
वन्य विभाग के अनुसार, हर महीने 20 से 25 वन्य जीव घायल हो जाते हैं. गुरुवार को एक बंदर की सड़क दुर्घटना में मौत हुई, जिसके बाद उसे रिज इलाके में ही दफनाया गया. वहीं, दूसरी तरफ जो सड़क दुर्घटना में वन्य जीव घायल हो जाते हैं, उन्हें उपचार देकर जब वह ठीक हो जाते हैं तो उन्हें फिर सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाता है.
10 जगहों पर फीडिंग प्वाइंट बनेंगेः 2014 के आईएफएस अधिकारी और दक्षिण-पश्चिम के उप वन संरक्षक नवनीत श्रीवास्तव ने बताया कि हर माह हमारे पर 25 मामले वन्य जीव के दुर्घटना के संबंध में आते हैं. उन्हें वन्य विभाग के कर्मचारी के द्वारा रेस्क्यू कर लाया जाता है, उपचार किया जाता है और जब वह ठीक हो जाते हैं तो उन्हें भी रिज में छोड़ दिया जाता है. उन्होंने बताया कि हम आगे सेंट्रल रिज में वन्य जीवों के लिए वाटर प्वाइंट तैयार कर रहे हैं. साथ ही फीडिंग प्वाइंट भी बना रहे हैं. इससे यह फायदा होगा कि खाना-पानी की तलाश में वन्य जीवों को बाहर नहीं आना होगा. इससे जहां वन्य जीवों को अपने घर में ही खाना मिलेगा. वहीं उनके बाहर नहीं आने से सड़क दुर्घटना के मामले भी नही होंगे. इससे वन्यजीव की संख्या भी बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि करीब 10 जगहों पर फीडिंग प्वाइंट होंगे. यहां फल रखे जाएंगे, जिसमें केले, जामुन सहित अन्य फल होंगे.