नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद सभी राजनीतिक पार्टियां खासकर निचले तबके को साधने की भरपूर कोशिश करती हैं लेकिन चुनावी समय में ही निचले तबके के एक महत्वपूर्ण समाज ने आम आदमी पार्टी के बहिष्कार का फैसला किया है.
वाल्मीकि समाज ने किया 'आप' पार्टी के बहिष्कार का एलान
हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री उद्घाटन शिलान्यास के कार्यक्रमों में खासा व्यस्त रहे. इनमें से कई कार्यक्रम वाल्मीकि समाज की बस्तियों भी हुए. इनके जरिए आम आदमी पार्टी ने वाल्मीकि समाज के लोगों को अपनी तरफ करने की कोशिश की. इसके अलावा, दिल्ली सरकार की कई योजनाएं भी पिछड़ी जातियों के हित से संबंधित हैं, जिनके जरिए पार्टी के भीतर माना जाता रहा है कि वाल्मीकि समाज आम आदमी पार्टी के साथ चुनाव में खड़ा होगा.
आप पार्टी का बहिष्कार करने का लिया फैसला
लेकिन चुनाव से पहले इस समाज में आम आदमी पार्टी के साथ खड़ा होने तो दूर इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है. बाल्मीकि समाज की तरफ से दिल्ली में वाल्मीकि समाज महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें कहा गया कि वाल्मीकि समाज का 35 लाख मतदाता आम आदमी पार्टी का बहिष्कार करेगा. घरों का मालिकाना हक नहीं देने, वाल्मीकि समाज की बस्तियों पर बुलडोजर चलाने, वादे के मुताबिक सफाई कर्मचारियों को पक्का न करने, ठेकेदारी प्रथा समाप्त न करने जैसे कई मुद्दों को लेकर वाल्मीकि समाज के नेताओं ने इस महापंचायत में सवाल उठाया.
गौर करने वाली बातें यह भी है कि वाल्मीकि समाज की इस महापंचायत में कर्म सिंह की बड़ी भूमिका रही. कर्म सिंह ने ही आम आदमी पार्टी के एससी एसटी विंग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. इसे लेकर ईटीवी भारत ने दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम से बात की. उन्होंने तो पहले इस महापंचायत में दावा किए गए 35 लाख वोटों को लेकर सवाल उठाया और अपनी सरकार द्वारा पिछड़ी जातियों के हित वाली योजनाओं की फेहरिस्त गिनाई.