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दनकौर में जल्द बनेगा महिला महाविद्यालय, निर्माण के लिए पहली किस्त जारी

ग्रेटर नोएडा को जल्द नई सौगात मिलने वाली है. दनकौर में महिला डिग्री कॉलेज बनाने की मंजूरी मिल गई है. इसकी पहली किस्त भी जारी हो गई है.

जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह
जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह

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Published : Mar 21, 2023, 4:23 PM IST

नई दिल्ली/नोएडाः ग्रेटर नोएडा के दनकौर में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महिला डिग्री कॉलेज को मंजूरी दी है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने कॉलेज निर्माण के लिए पहली किस्त भी जारी कर दी. दनकौर में एक महिला महाविद्यालय जल्द बनकर तैयार हो जाएगा. महाविद्यालय के बन जाने से यहां पर आसपास के कई दर्जन गांवों को इसका लाभ मिलेगा.

जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय द्वारा अक्टूबर 2019 में जनपद गौतमबुद्ध नगर के दनकौर में राजकीय डिग्री कॉलेज के निर्माण की स्वीकृति मिली थी, लेकिन तकनीकी कारणों से पेच फंसा था. अब जाकर महिला डिग्री कॉलेज की स्वीकृति मिली है और निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में एक करोड़ 7,86,600 रुपए की धनराशि जारी की गई है.

जेवर विधायक ने बताया कि यह पहला मौका है जब देश आजाद होने के बाद से 5 साल के कार्यकाल में एक ही विधानसभा में 3 डिग्री कॉलेजों की सौगात मिली हो और यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि इनमें दो महाविद्यालय महिला डिग्री कॉलेज के रूप में स्वीकृत किए गए हैं. रबूपुरा स्थित डिग्री कॉलेज आरंभ हो चुका है तथा जेवर में बन रहे डिग्री कॉलेज का निर्माण लगभग 90% हो चुका है तथा प्रथम किस्त जारी होने के बाद शीघ्र दनकौर में डिग्री कॉलेज निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. जेवर विधानसभा के लिए यह बड़ी उपलब्धि है.

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जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि अगर हम एक महिला को शिक्षित करते हैं तो एक परिवार ही नहीं वरन पूरे गांव को शिक्षित करने की दिशा में बढ़ते हैं और दनकौर में बनने वाला यह कन्या महाविद्यालय मेरी उन सभी बहनों को समर्पित है, जो दूरी और आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती थी.

दनकौर में बनने वाले महिला महाविद्यालय से क्षेत्र की महिलाओं को पढ़ाई के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा और न ही महाविद्यालय न होने के कारण अब उन्हें पढ़ाई से वंचित रहना पड़ेगा. देहात क्षेत्र में महिला महाविद्यालय न होने से छात्राओं को पढ़ाई बीच में छोड़ने पढ़ती थी, क्योंकि अधिकांश जगहों पर परिजन दूर जाकर पढ़ाई करने की स्वीकृति नहीं देते थे. इस महिला महाविद्यालय के बन जाने से आबादी में आधे हिस्से की भागीदारी रखने वाली महिलाओं को उचित मौके मिलेंगे और पढ़ाई के साथ ही भविष्य का निर्माण करने का भी अवसर प्रदान होंगे.

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