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Vaishakh Vrat Festival 2023: वैशाख महीने की शुरुआत 7 अप्रैल से, जानें इस माह के व्रत एवं त्योहार

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Published : Apr 6, 2023, 9:47 PM IST

हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख महीने की शुरुआत 7 अप्रैल से हो रही है. यह 5 मई को खत्म होगा. इस महीने कई व्रत एवं त्योहार हैं. आइए जानते हैं आनेवाले प्रमुख व्रत एवं त्योहार...

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शिव शंकर ज्योतिष एवं अनुसंधान केंद्र के आचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्लीः हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख होता है. 7 अप्रैल शुक्रवार से वैशाख मास की शुरुआत हो रही है. जो 5 मई को समाप्त होगा. वैशाख मास में कई प्रमुख व्रत त्योहार हैं. शिव शंकर ज्योतिष एवं अनुसंधान केंद्र के आचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, वैशाख मास की शुरुआत होते ही व्रत और त्योहारों का सिलसिला भी आरंभ हो जाएगा. वैशाख मास (Vaishakh Month 2080) का पहला व्रत संकष्ठी चतुर्थी व्रत है. जो 9 अप्रैल को पड़ रहा है. वैशाख मास में कई प्रमुख व्रत और त्योहार आते हैं. आइए बताते हैं कि वैशाख मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार और इनके महत्व.

० 9 अप्रैल को संकष्टी चतुर्थी व्रत
० 13 अप्रैल को कालाष्टमी
० 14 अप्रैल को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, बैसाखी, मेष सक्रांति
० 16 अप्रैल को वरुथिनी एकादशी
० 17 अप्रैल को प्रदोष व्रत
० 18 अप्रैल को शिव चतुर्दशी व्रत
० 19 अप्रैल को श्राद्ध अमावस्या
० 20 अप्रैल को स्नान दान अमावस्या
० 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया
० 23 अप्रैल को विनायक चतुर्थी व्रत
० 25 अप्रैल को सूरदास जयंती
० 27 अप्रैल को गंगा सप्तमी
० 29 अप्रैल को सीता नवमी
० 1 मई 2023 को मोहिनी एकादशी
० 4 मई 2023 को नरसिंह जयंती
० 5 मई 2023 को बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा

विस्तार
० 16 अप्रैल (रविवार) वरुथिनी एकादशी
वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं. मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत रखने से दुखों से छुटकारा मिलता है. साथ ही विधि विधान से पूजा करने से जीवन में खुशियां आती हैं.

० 17 अप्रैल (सोमवार) प्रदोष व्रत
सोमवार भगवान शिव का बहुत प्रिय दिन है. प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा का काफी महत्व है. सोम प्रदोष का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा बरसती है और रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं. भगवान शिव को आशुतोष कहा गया है. आशुतोष का मतलब होता है कि जल्दी प्रसन्न होने वाले. सोम प्रदोष का व्रत करने से धन-धान्य, संपन्नता और वाणी में तेज प्राप्त होता है.

० 22 अप्रैल (शनिवार) अक्षय तृतीया
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहते है. अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है. अक्षय तृतीया को मांगलिक कार्य करने के लिए शुभ माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन नए कार्य की शुरुआत करने से लाभ होता है साथ ही सफलता मिलती है.

० 27 अप्रैल (गुरुवार) गंगा सप्तमी
मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है साथ ही कष्टों का भी नाश होता है. जीवन में सफलता मिलती है साथ ही सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ती है.

० 29 अप्रैल (शनिवार) सीता नवमी
सीता नवमी के दिन सीता मां की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाए तो जीवन के सभी दुख दूर होते हैं. मान्यता है कि घर की महिलाएं सीता नवमी के दिन पूजा अर्चना करती हैं और व्रत रखती हैं तो उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है साथी पति की आयु दीर्घ होती है.

० 5 अप्रैल (शुक्रवार) वैशाख पूर्णिमा
सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. वैशाख पूर्णिमा के दिन बुध पूर्णिमा भी है. वैशाख पूर्णिमा के दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन दान करने से कई गुना फल मिलता है. वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखने से कष्ट दूर होते हैं.

(नोटः खबर सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है ईटीवी भारत किसी भी मान्यता की पुष्टि नहीं करता है खबर केवल जानकारी के लिए हैं किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.)

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