नई दिल्लीःसमाज में सर्वधर्म-समभाव तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चलाई जा रही है. योजना के तहत विभिन्न समुदाय के रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाता है. दरअसल, प्रदेश सरकार का मकसद है कि शादी के उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन और खर्चे को समाप्त कर गरीब परिवार के लोगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना.
इसी कड़ी में गुरुवार को गाजियाबाद के कमला नेहरू पार्क में गाजियाबाद, हापुड़ एवं बुलंदशहर के 3003 जोड़ों का सामूहिक विवाह समारोह (Mass marriage of 3003 couples in Ghaziabad) संपन्न हुआ. सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार के श्रम मंत्री अनिल राजभर, केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे, जिन्होंने नवविवाहित वर-वधुओं को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.
गाजियाबाद के 1654 जोड़ें, हापुड़ के 794 जोड़ें और बुलंदशहर के 555 जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित हुआ. इसमें 1850 हिंदू समुदाय, 1147 मुस्लिम समुदाय, 3 बौद्ध समुदाय और 3 सिख समुदाय के नवविवाहित वर-वधू की शादी संपन्न हुई. मीडिया से बातचीत के दौरान श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि गरीब कल्याण के प्रति केंद्र एवं प्रदेश सरकार के सहयोग से सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन गरीब तबके के लोगों के लिए किया जाता है, जिनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं है.
श्रम मंत्री राजभर ने कहा कि संसार में कन्यादान सबसे बड़ा एवं पवित्र दान माना गया है. उन्होंने कहा कि जिसने गरीब की पीड़ा को सही से देखा है, वही उनके सुख-दुख में उनके साथ रह पाएगा. श्रमिकों को शासन की योजनाओं से जोड़ा गया ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद तक सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ श्रमिकों तक पहुंचाया जा सके.