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ड्रग की तस्करी करने वाले छात्रों को मिली अंतरिम जमानत, परीक्षा का हवाला देते हुए मिली रिहाई

Students smuggling drugs got interim bail: नोएडा पुलिस ने सोमवार को शैक्षिक संस्थानों में छात्रों को मादक पदार्थ बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनमें से तीन छात्रों को कोर्ट ने परीक्षा का हवाला देकर अंतरिम जमानत दे दी है. पुलिस आगे की जांच में जुटी हुई है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 28, 2023, 10:10 PM IST

मादक पदार्थ बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने सोमवार को कॉलेज और विश्वविद्यालय में डार्क वेब के माध्यम नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले छात्र समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया था. ड्रग सप्लाई मामले में नोएडा के थाना सेक्टर 126 पुलिस द्वारा में गिरफ्तार किए गए 9 आरोपितों में से तीन स्टूडेंट्स को जिला सत्र न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी है. 1 दिसंबर को तीनों को दोबारा कोर्ट के समक्ष समर्पण करना होगा. वहीं 6 अन्य आरोपियों को जेल भेजा गया है.

परीक्षा को लेकर जमानत: कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिन तीन छात्रों को जमानत दी गई है, उनके पास से कम मात्रा में मादक पदार्थ बरामद हुआ है. छात्रों की परीक्षा है और इसलिए उन्हें अंतरिम जमानत दी जाती है. थाना पुलिस ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा. कहा गया कि आरोपित पढ़ाई की आड़ में शिक्षण संस्थानों में गांजा सप्लाई करते हैं.

तथ्य को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि छात्रों की परीक्षा ज्यादा जरूरी है. ऐसे में उनको अंतरिम जमानत दी जा सकती है. कोर्ट ने तीनों को अंतरिम जमानत देने के साथ ही तीस हजार का पर्सनल बांड भी भरवाया है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, वह छात्र है. इस वजह से उनकी बात सुनना जरूरी है. परीक्षा देने के बाद छात्र वापस कोर्ट में पेश होंगे.

ऐसे करता था सप्लाई:नोएडा पुलिस ने सोमवार को तस्करी करने वाले छात्रों और शामिल गैंग के लोगों को गिरफ्तार किया. नोएडा के एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने ईटीवी भारत को बताया कि आरोपी ड्रग्स की सप्लाई ऑन डिमांड करते थे. आरोपी पकड़े जाने के डर से अपने पास हमेशा कम माल रखते थे. ऑर्डर के आधार पर पार्टी को माल डिलीवरी बॉय के माध्यम से पहुंचते थे. कभी भी किसी पार्टी को उसके बताए हुए स्थान पर माल डिलीवर नहीं करते थे. उन्होंने बताया कि इस गैंग में और भी कई लोगों के शामिल होने के सबूत मिले हैं, जिसे लेकर टीम आगे का काम करने में जुटी है.

ताइवान में सप्लाई होते थे ड्रग्स: एडीसीपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों द्वारा ड्रग सप्लाई के लिए ज्यादातर सिल्क रुट वेबसाइट का प्रयोग किया जाता था . उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी ताइवान में अपनी पत्नी से अलग-अलग माध्यम से ड्रग सप्लाई करने का काम कर रहा था. उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी जयपुर से सामान अलग-अलग माध्यम से ले आने का काम करते थे. आरोपी जिस वाहन में सवार होते थे, उस वाहन में ड्रग्स नहीं रख कर, दूसरे वाहन में पैसे खर्च कर ड्रग्स रखने का काम करते थे, ताकि पकड़े जाने पर उन पर कोई शक ना हो. मेनमार और अफगानिस्तान से विशेष रूप से ड्रग सप्लाई का काम इन लोगों के द्वारा किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि इस मामले में तीन लोगों को वांछित किया गया है, जिन्हें पकड़ने के लिए टीम लगी हुई है. तीनों वांछित में एक नाइजीरियाई और दो भारतीय हैं. इस गैंग में और कितने लोग शामिल हैं, इसकी जानकारी ली जा रही है.

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