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दिल्ली से लखनऊ-मुरादाबाद-बरेली का हफ्ते भर रहेगा रूट डायवर्ट, जानें कार्तिक पूर्णिमा मेला को लेकर क्या हुए बदलाव

Kartik Purnima Fair: गढ़मुक्तेश्वर में आयोजित किए जाने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेला को लेकर गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने रूट डायवर्ट किया है. इसे लेकर पुलिस ने यातायात हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया है. सुरक्षा के लिए कई रास्तों को डायवर्ट किया गया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 22, 2023, 7:10 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गढ़मुक्तेश्वर में 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा मेला- 2023 का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान हापुड़ में आयोजित होने वाले गढ़ गंगा मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आएंगे. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कई रास्तों को डायवर्ट किया गया है. ताकि लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो. इसे लेकर पुलिस ने यातायात हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया है.

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गाजियाबाद से हापुड़ होकर गढ़मुक्तेश्वर की ओर जाने वाले भारी व्यवसायिक वाहनों के संचालन को 23 नवंबर दोपहर 12 बजे से 29 नवंबर की रात 12 बजे तक प्रतिबंधित रखा जाएगा. मेले के मद्देनजर से गाजियाबाद यातायात पुलिस द्वारा डायवर्सन जारी किया गया है.

सभी प्रकार के भारी व्यवसायिक वाहन जिनका गंतव्य स्थल, अमरोहा, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ आदि है, ये सभी वाहन डासना गाजियाबाद से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का प्रयोग करते हुए बुलन्दशहर-डिबाई-नरौरा-बबराला-बहजोई चन्दौसी होकर अपने गंतव्य को जाएंगे. इसके अतिरिक्त सभी प्रकार के भारी व्यवसायिक वाहन जिनका गंतव्य स्थल, अमरोहा, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ आदि है, ये सभी वाहन लाल कुआं से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 91 का प्रयोग करते हुए बुलन्दशहर-डिबाई-नरौरा-बबराला-बहजोई-चन्दौसी होकर अपने गंतव्य को जाएंगे.

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30 लाख श्रद्धालुओं पहुंचेंगे: तीर्थ नगरी गढ़मुक्तेश्वर में आयोजित होने वाले कार्तिक पूर्णिमा के मेले को मिनी कुंभ भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दौरान गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व है. ऐसे में कार्तिक मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार कार्तिक मेले में तकरीबन 30 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. ऐसे में लोगों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो, इसको मद्देनजर रखते हुए पुलिस द्वारा रूट डायवर्ट किया जाता है. तीर्थ नगरी गढ़मुक्तेश्वर में आयोजित होने वाले मेले की मान्यता काफी पुरानी है.

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