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स्वामी दयानंद अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे की दी चेतावनी, जानें पूरा मामला - Delhi News in Hindi

तीन महीने से वेतन न मिलने की वजह से स्वामी दयानंद अस्पताल के रेजिडेंट डक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने चेतावनी देते हुए सामूहिक इस्तीफे की बात कही है. यहां जानें डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का इस पूरे मामले पर क्या कहना है.

रेजिडेंस डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे की दी चेतावनी
रेजिडेंस डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे की दी चेतावनी

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Published : Feb 3, 2023, 9:46 AM IST

Updated : Feb 3, 2023, 10:19 AM IST

डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे की दी चेतावनी

नई दिल्ली:पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित स्वामी दयानंद अस्पताल के वरिष्ठ और जूनियर डॉक्टरों सहित नर्सिंग स्टाफ ने अस्पताल प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने सामूहिक इस्तीफे देने की बात कही है. वहां काम कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि अगर उन्हें एक हफ्ते में वेतन नहीं दिया जाता है तो वो लोग सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे.

आपको बता दे कि निगम की मनमानी की वजह से रेजिडेंट डॉक्टर्स का 3 महीने से वेतन बकाया है, जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उनके साथ ही अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को भी बीते 3 महीने से वेतन नहीं मिली है. हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉक्टर ग्लैडमिन त्यागी ने बताया कि अक्टूबर के बाद से डॉक्टरों और नर्सों को सैलरी नहीं मिली है, इस कारण से उन लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी है. उन्होंने अस्पताल प्रशासन को बताया कि या तो उन्हें 1 हफ्ते में उनका वेतन दिया जाए या उनके सामूहिक इस्तीफे को मंजूर किया जाए.

ग्लैडमिन त्यागी ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग जायज है. उन्होंने बताया कि निगम के अस्पतालों में सैलरी की समस्या आज से नहीं है. वर्ष 2015-16 से यहां काम करने वाले कर्मचारी वेतन की समस्या से जूझ रहे हैं. वेतन मिलने में हमेशा 3 से 4 महीने का गैप रहता है.

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अस्पताल में नर्सिंग यूनियन की अध्यक्ष बिंदु शर्मा ने बताया कि वेतन भुगतान का मुद्दा कई बार अस्पताल प्रशासन के समक्ष उठाया गया, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा विरोध प्रदर्शन के बाद अक्टूबर महीने की सैलरी आई थी, उसके बाद से 3 महीने बीत चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें सैलरी नहीं मिली है. उन्होंने कहा घर चलाना भी मुश्किल हो गया है. बच्चों को पढ़ाने लिखाने में भी उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है. अब तो हालत यह हो गई है कि उन्हें कोई कर्ज भी नहीं देता है, पैसे-पैसे के लिए मोहताज हैं.

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Last Updated : Feb 3, 2023, 10:19 AM IST

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