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MCD Election: पूर्वांचली मतदाताओं की 60 से अधिक सीटों पर दबदबा, AAP और BJP लुभाने में जुटी

दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) में पूर्वांचली मतदाता की भूमिका निर्णायक होती है. पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों का 250 निगम वार्ड में से 60 से अधिक सीटों पर दबदबा है. ऐसे में सभी पार्टियां इन मतदाताओं को लुभाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है.

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Published : Nov 23, 2022, 4:43 PM IST

Updated : Nov 23, 2022, 6:20 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली की सियासत में डेढ़ दशक पहले तक जहां पंजाबी और वैश्य समुदाय का दबदबा हुआ करता था. लेकिन आज जिसके पल्ले में पूर्वांचल के लोग हैं, सत्ता उसे ही मिलती है. यह बात राजनीतिक पार्टियां समझ चुकी है. एमसीडी चुनाव (MCD Election) के लिए प्रचार और प्रेस कांफ्रेंस का सिलसिला लगातार जारी है. चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी चाहे पदयात्रा कर रहे हों या अपने वार्ड में सभा, वह भी दिल्ली में रह रहे पूर्वांचल के लोगों के साथ अच्छा खासा समय बिता रहे हैं. कुल मिलाकर सभी दलों के बड़े नेता पूर्वांचली मतदाताओं पर डोरा डालने में जुटे हैं.

दिल्ली की कुल मतदाताओं में 30 फीसदी से अधिक का पूर्वांचल के मतदाता हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों का 250 निगम वार्ड में से 60 से अधिक सीटों पर दबदबा है. इन सीटों पर पूर्वांचली मतदाताओं की निर्णायक भूमिका है. एमसीडी चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है और दोनों ही दल पूर्वांचलियों को लुभाने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं. 20 नवंबर को जब आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहली बार निगम चुनाव के लिए पहाड़गंज में जनसभा करने पहुंचे तो वहां कांग्रेस के पूर्व सांसद और पूर्वांचल के चर्चित चहरे महाबल मिश्रा के आम आदमी पार्टी में आने से गदगद दिखाई दिए.

पूर्वांचली वोटरों पर महाबल मिश्रा की है जबर्दस्त पकड़

अगले ही दिन यानी सोमवार को प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में निगम चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पहुंचे तो पूर्वांचल मोर्चा को खास तौर पर उपस्थित रहने को कहा गया. पूर्वांचल मोर्चा ने छठ पूजा आयोजन समिति के पदाधिकारियों का भी जमावड़ा लगा दिया, जिसे देखते ही जेपी नड्डा भी छठ, ठेकुआ और बिहार से अपने नाते को बयां कर दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल के लोगों से वोट देने की अपील की.

पूर्वांचली वोटरों को लुभाने के लिए तीनों भोजपुरी अभिनेता को प्रचार की मिली जिम्मेदारी

नड्डा ने कहा, "बिहार में मेरा जन्म हुआ, वहां की छाप मेरे ऊपर है और मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे गंगा किनारे 20 सालों तक छठ पूजा मनाने का मौका मिला. नड्डा ने कहा कि छठ का प्रसाद ठेकुआ मांगकर खाते थे. ठीक वैसे ही एक बार फिर पूर्वांचलवासियों से मैं 4 दिसंबर के लिए प्रसाद मांगने आया हूं."

पार्टी अध्यक्ष की इस अपील के बाद बीजेपी के भोजपुरी सुपरस्टार सांसदों की तिकड़ी गायक और अभिनेता मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव ने दिल्ली के उन इलाकों में रोड शो और सभा करने इलाकों में करने की जिम्मेदारी दी गई, जहां पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या अधिक है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दावा किया कि उन्होंने पूर्वांचली समुदाय के लगभग 50 लोगों को एमसीडी चुनाव के लिए टिकट दिया है.

उधर, एमसीडी चुनाव के लिए आम आदमी प्रभारी दुर्गेश पाठक भी कहते हैं कि उनकी पार्टी हमेशा पूर्वांचलियों को बहुत प्यार से रखती है. उनकी पार्टी ने 57 पूर्वांचलियों को इस चुनाव में टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले एक खास रणनीति के तहत पूर्वांचलियों के लोकप्रिय नेता और कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा को अपने पाले में कर लिया. साथ ही पूर्वांचली मतदाताओं को लुभाने के लिए गोपाल राय और दिलीप पांडे की सभाएं आयोजित की जा रही हैं.

जेपी नड्डा ने पूर्वांचली वोटरों को लुभाने के लिए खुद को बिहार से जोड़ा.

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बता दें कि दिल्ली में सबसे पहले कांग्रेस ही थी जिसने पूर्वांचलियों को एक राजनीतिक ताकत के रूप में मान्यता दी. लंबे समय तक कांग्रेस का वोट बैंक माने जाने वाले पूर्वांचल के मतदाताओं 2015 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी की ओर चले गए. पूर्वांचली पृष्ठभूमि वाले 13 नेता विधायक बने. इसके बाद वर्ष 2016 में बीजेपी ने मनोज तिवारी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया ताकि पूर्वांचली वोटर्स को अपने पक्ष में किया जा सके. मनोज तिवारी के नेतृत्व में बीजेपी ने एमसीडी चुनाव में जीत दर्ज की लेकिन विधानसभा चुनाव हार गई थी.

Last Updated : Nov 23, 2022, 6:20 PM IST

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