नई दिल्ली/गाजियाबाद:निगम की बोर्ड बैठक में बहुमत से गाजियाबाद के नाम परिवर्तन का प्रस्ताव पास हो गया. नाम प्रवर्तित करने के लिए अब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री और शासन को भेजा जा रहा है. जिसके बाद शासन द्वारा गाजियाबाद की परिवर्तित नाम की घोषणा किया जाएगा. महापौर सुनीता दयाल के मुताबिक, लंबे समय से गाजियाबाद के नागरिकों की इच्छा थी कि गाजियाबाद का नाम परिवर्तित किया जाए. पार्षद भी लंबे समय से नाम परिवर्तित करने की मांग कर रहे थे.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सत्ता संभालने के बाद कई जिलों का नाम परिवर्तित किया गया है. लंबे समय से गाजियाबाद का नाम बदलने की भी मांग उठ रही है. बीते पांच सालों में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा गाजियाबाद का नाम बदलने को लेकर राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपे गए हैं. 8 जनवरी 2023 को सामाजिक संस्था रसम ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी के नाम एक ज्ञापन सौंपा था.
रसम के संस्थापक संदीप त्यागी के मुताबिक, बीते 5 वर्षों से संस्था द्वारा गाजियाबाद का नाम परिवर्तित करने के लिए जिले में 100 स्थान पर हवन किया गया. साथ ही मिस कॉल के माध्यम से लोगों का समर्थन जुटाया गया. संदीप का कहना है कि गाजियाबाद नाम हमारे पूर्वजों का अपमान है. वहीं, पार्षद संजय सिंह ने गाजियाबाद का नाम हर नदी नगर रखने के लिए निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा है.