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यूपी की ऐसी जेल जहां कैदी बन रहे बेकर, गाजियाबाद जिला जेल की बेकरी में तैयार कर रहे बिस्किट

गाजियाबाद जिला जेल में कैदियों को हुनरमंद बनाने की कवायद की जा रही है. इसके लिए हाल ही में उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल 2022 (Uttar Pradesh Jail Manual 2022) लागू हुई है. इस मैनुअल के अनुसार शाम को बंदियों को दी जाने वाली चाय के साथ बिस्किट देने का भी प्रावधान है. प्रदेश के विभिन्न जेलों से खरीद कर कैदियों को बिस्किट दिया जाता है लेकिन गाजियाबाद में कैदियों को उनके खुद से तैयार किए गए बिस्किट परोसे जाते हैं (Prisoners are preparing biscuits in bakery). क्यों जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.

Ghaziabad District Jail
Ghaziabad District Jail

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Published : Dec 14, 2022, 9:20 PM IST

गाजियाबाद जिला जेल की बेकरी में कैदी तैयार कर रहे बिस्किट

नई दिल्ली/गाजियाबाद:आमतौर पर जब लोगों के मन में जेल की जिंदगी का ख्याल आता है तो दिल सहम जाता है. बात अगर हम गाजियाबाद जिला कारागार की करें तो यहां पर न सिर्फ कैदियों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं बल्कि उन्हें हुनरमंद भी बनाया जा रहा है. शाम की चाय के साथ कैदियों को जेल में बिस्कुट परोसे जाते हैं. इसकी खास बात है कि इन्हें मिलने वाले बिस्किट बंदी स्वयं जेल में मौजूद बेकरी में तैयार (Prisoners are preparing biscuits in bakery) करते हैं.

चाय के साथ मिलते हैं बिस्किट: जिला जेल गाजियाबाद के जेल अधीक्षक आलोक सिंह के मुताबिक हाल ही में उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल 2022 (Uttar Pradesh Jail Manual 2022) लागू हुई है. जेल मैनुअल के मुताबिक शाम में कैदियों को दी जाने वाली चाय के साथ बिस्किट भी मुहैया कराया जाए. प्रदेश की विभिन्न कारागार से संपर्क किया गया तो जानकारी मिली कि बाजार से खरीद कर कैदियों को बिस्कुट शाम की चाय के साथ दिया जा रहा है, जिसके बाद विचार आया कि क्यों ना बिस्किट को जेल की बेकरी में तैयार कराया जाए.

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प्रशिक्षित हो रहे बंदी: आलोक सिंह बताते हैं कि जेल में बिस्किट तैयार कराने में दो तरह का फायदा है. पहला फायदा है कि जेल में मौजूद कैदी बेकरी में बिस्किट कैसे बनता है इस पूरी प्रक्रिया को बेहतर तरीके से सीख पाएंगे. जेल में बिस्कुट बनाने की विधि को बंदी रिहाई के बाद अपनी आजीविका को स्थापित करने के तौर पर प्रयोग में ले सकते हैं. दूसरा फायदा यह है कि बाजार से जिस रेट पर बिस्किट मिल रहे थे उससे कम दाम पर बिस्किट अब तैयार हो पा रहे हैं.

कैदियों को बेहतर इंसान बनाने पर जोर: जेल अधीक्षक के मुताबिक जेल में आने वाले बंदियों से बातचीत कर पता लगाया जाता है कि उनमें क्या कुछ हुनर है या फिर किस क्षेत्र में उनकी रूचि है. कैदियों के हुनर और रूचि का पता लगाने के बाद उनको प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे कि कैदी जब कारागार से छूटे तो समाज में एक अच्छे इंसान के रूप में अपने आप को दोबार स्थापित कर सके.

बढ़ रहा कैदियों का आत्मविश्वास: आलोक सिंह बताते हैं कि जब कोई भी कैदी किसी काम में खुद को व्यस्त रखता है और कुछ सीखता है तब उस कैदी में सकारात्मक बदलाव आना शुरू हो जाता है. हुनरमंद बनने के बाद कैदी का आत्मविश्वास बढ़ता है.

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जेल अधीक्षक आलोक सिंह के मुताबिक कैदियों को बिस्किट बनाने की ट्रेनिंग देने के लिए एक्सपर्ट को बुलाया गया था. तकरीबन एक हफ्ते तक एक्सपर्ट द्वारा कैदियों को बिस्किट बनाने की पूरी प्रक्रिया बारीकी से समझाई गई. फिलहाल जेल में 35 कैदी बेकरी में बिस्किट बना रहे हैं. हफ्ते में तकरीबन 70 हज़ार बिस्किट जेल में मौजूद कैदी तैयार करते हैं. कैदियों द्वारा तैयार किए जा रहे बिस्किट की खपत जेल में ही होती है. दो हफ्ते से जेल में बेकरी चल रही है.

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