नई दिल्ली/नोएडा:नोएडा मेंकोतवाली फेज-वन की पुलिस ने एनसीआर की बड़ी कंपनियों में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग इंटरनेट से बेरोजगार लोगों का डेटा लेकर कॉल करते थे और उन्हें झांसा देकर ठगी करते थे. आरोपियों के पास से पुलिस ने तीन स्मार्ट फोन, 10 की-पैड फोन, 16 वर्क कॉलिंग डेटा व एक लैपटॉप और प्रिंटर बरामद किया है.
पुलिस ने आरोपियों की पहचान औरंगाबाद बिहार के सतीश राज और अमित कुमार के रूप में की है, जो वर्तमान में हरौला गांव में किराए पर रहते हैं. डीसीपी नोएडा हरीश चंदर ने बताया कि ये लोग नौकरी के इच्छुक व्यक्तियों को कॉल करते थे. लोगों का कॉलिंग डेटा ये नेट से प्राप्त करते थे. इसके बाद जब व्यक्ति पूरी तरह से तैयार हो जाता था तो उससे शुरुआती प्रोसेस शुल्क के नाम पर 1,800 रुपये से लेकर 2,100 रुपये तक अपनी फर्जी यूपीआई/बैंक खाता पर ट्रांसफर करा लेते थे. आरोपी रोजाना सैकड़ों कॉल करते थे.
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने अब तक कितने लोगों के साथ ठगी की है और इनके आपराधिक इतिहास के संबंध में जानकारी निकाली जा रही है. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि इनके गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं. वहीं साइबर सेल आरोपियों के अकाउंट सहित अन्य जानकारियां निकाल रही है.
14 लाख की ठगी:दूसरी तरफ नोएडा के दो अलग-अलग थानों में साइबर क्राइम के मामले सामने आए हैं. पहला मामला साइबर क्राइम थाना सेक्टर 36 में दर्ज हुआ, जिसमें घर बैठे लाखों रुपए कमाने का झांसा देकर जलसाजों ने युवक से 14 लाख रुपए की ठगी की. पुलिस को दी गई शिकायत में शिव कुमार शर्मा ने बताया कि उसके पास कुछ दिन पहले एक व्हाट्सऐप पर मैसेज आया, जिसमें घर बैठे पार्ट टाइम काम करने से लाखों रुपये कमाने की बात कही गई.
पीड़ित ने बताया कि उसने मैसेज में दिए गए नंबर पर नव्या नाम की युवती से बात की, जिसने खुद को कंपनी की एसिस्टेंट एचआर बताया. उसने बताया कि होटल और रेस्टोंरेंट के ऑनलाइन पेज पर अच्छी रेटिंग और रिव्यू देनी होगी. इस दौरान युवती ने उसे एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया. इसके बाद पीड़ित से कई टास्क पूरे करवाए गए, जिससे उसे पैसे मिले. फिर जालसाजों ने उसे एक अन्य टास्क दिया, जिसमें पीड़ित ने पैसे लगाए और शुरुआत में मुनाफा भी कमाया.