नई दिल्ली:राजधानीके उत्तर पूर्वी इलाके में हुए दंगे को आज तीन साल पूरे हो गए हैं. इस दंगे में 53 लोगों की जान चली गई थी और 500 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. दंगे के कारण क्षेत्र में रहने वाले दो समुदायों के बीच गहरी खाई बन गई थी, लेकिन वक्त के साथ हालात सामान्य हो गए हैं और अब लोग पुरानी बातों को भूलकर एक दूसरे के साथ शांति और सौहार्दपूर्ण तरीके से रह रहें हैं.
इस बारे में दंगा प्रभावित इलाके में रहने वाले लोगों से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि दंगों के बाद क्षेत्र का माहौल खराब हो गया था. लोग आसपास की कॉलोनियों में जाने से पहले सोचा करते थे और एक दूसरे के प्रति लोगों में नफरत पैदा होने लगी थी. लेकिन अब लोग पहले की तरह सामान्य जीवन जी रहें है. साथ ही सभी समुदायों के लोग, हर सुख-दुःख में एक दूसरे का साथ देते हैं. इलाके में रहने वाले ईश्वर सिंह ने बताया कि अब क्षेत्र में कोई दिक्कत नहीं है और सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं. उनके अलावा एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि, दंगे में कई दुकानें जला दी गई थी, जिससे क्षेत्र का माहौल काफी बिगड़ गया था.
वहीं दुर्गा रामलीला कमेटी के प्रधान सुमेर चंद्र गोयल ने बताया कि अब क्षेत्र में कोई दिक्कत नहीं है. यहां कि रामलीला में मुस्लिम समाज के लोगों का सहयोग मिलता है और क्षेत्र में आपसी सौहार्द बना हुआ है. सीलमपुर इलाके के रहने वाले गुलाब शुक्ला ने बताया कि दंगे के बाद क्षेत्र में डर का माहौल बन गया था. लेकिन अब यहां हालात सामान्य हैं और लोगों में किसी तरह का भय नहीं है. सब मिलजुल कर रहने के साथ ही व्यापार करते हैं. उधर गोकलपुरी टायर मार्केट के दुकानदार नजर मोहम्मद ने बताया कि दंगे में टायर मार्केट को दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था, जिससे दुकानदारों का बड़ा नुकसान हुआ था. लेकिन अब हालात सामान्य हैं. टायर मार्केट में सभी समुदाय के लोग कारोबार करते हैं और यहां किसी भी तरीके का भेदभाव नहीं है.