नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में पालतू और आवारा कुत्तों के काटने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. सितंबर 2022 में पिटबुल ने एक बच्चे के चेहरे पर हमला किया था, जिसके बाद बच्चे को डेढ़ सौ से अधिक टांके लगे थे. इसके अलावा स्ट्रीट डॉग्स की भी काटने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसको देखते हुए गाजियाबाद नगर निगम ने कुत्तों की आक्रमक नस्लों के पालने पर रोक लगाई थी. पिटबुल, रोटविलर और डोगो अर्जेंटीनो नस्ल के पंजीकरण पर रोक लगा दी गई थी. नगर निगम ने स्ट्रीट डॉग्स के स्टरलाइजेशन ड्राइव को गति देने की बात कही थी. स्ट्रीट डॉग्स हाई राइज सोसाइटी में एक बड़ा मुद्दा है.
फ्लैट ओनर्स फेडरेशन, गजियाबाद के अध्यक्ष कर्नल तेजेंदर पाल त्यागी (Ghaziabad flat owners federation) ने कहा कि गाजियाबाद की 250 से अधिक हाई राइज गेटेड सोसाइटीज पिछले कई वर्षों से आवारा कुत्तों से परेशान हैं. जो सोसाइटी के कॉमन एरिया में हमेशा वहां के बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को आए दिन अपना शिकार बनाकर घायल कर रहें हैं. आवारा कुत्तों का इतना आतंक बढ़ गया है कि सोसाइटी निवासियों ने खासकर बच्चों एवं बुजुर्गों ने अपने फ्लैट से निकलना कम कर दिया है. इस विषय में अपने अपने स्तर से सभी सम्बंधित विभागों को समय समय पर अवगत कराया गया. यहां तक कि मुख्यमंत्री पोर्टल एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अनेकों बार शिकायतें की, लेकिन आज तक कोई भी इस विकराल समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो सका.
कर्नल (सेवानिवृत) टी पी त्यागी ने कहा हमारी मांग है कि जिले की हाई राइज सोसाइटीज, जहां पर बड़ी संख्या में स्ट्रीट डॉग मौजूद है. वहां नगर निगम द्वारा विशेष ड्राइव चलाकर स्ट्रीट डॉग्स का स्टरलाइजेशन कराया जाए. स्टरलाइजेशन के लिए स्ट्रीट डॉग्स को एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में शिफ्ट किया जाए. क्योंकि नगर निगम के पास तीस हजार स्ट्रीट डॉग्स को महीने भर में स्टरलाइज करने का संसाधन नहीं है. नगर निगम को तीस हजार आवारा कुत्तों को स्टरलाइज करने में अगर एक साल का वक्त लगता है तो इस अवधि में कुत्तों की जनसंख्या कई गुना बढ़ चुकी होगी. ऐसे में आवारा कुत्तों को एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में शिफ्ट किया जाए और वहीं उनकी देखरेख की जाए. स्टरलाइजेशन के बाद ऑब्जरवेशन पीरियड पूरा होने पर आवारा कुत्तों को वापस सोसाइटी में AOA की सहमति के बाद छोड़ा जा सकता है.