नई दिल्ली/गाजियाबाद:हिंदू धर्म में पौष मास का काफी महत्व है. मान्यताओं के मुताबिक पौष सूर्य देव का महीना कहलाता है. पौष मास में सूर्य देव की पूजा अर्चना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और सूर्य देव को अर्घ्य देने की प्राचीन परंपरा है. पौष पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने का काफी महत्व है. इस बार पौष माह की पूर्णिमा 6 जनवरी 2023 (Paush Purnima 2023) को मनाई जाएगी. Know worship method and importance
पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान कड़ी तपस्या के समान है. क्योंकि मौजूदा समय में बेहद ठंड पड़ रही है. पौष पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है. युधिष्ठिर ने महाभारत युद्ध के दौरान युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए अपने सगे संबंधियों को सदगति दिलाने के लिए पौष पूर्णिमा से एक महीने तक कल्पवास किया था. पौष पूर्णिमा का व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं साथ ही जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
पौष पूर्णिमा का मुहूर्त:पौष पूर्णिमा तिथि का आरंभ 6 जनवरी (शुक्रवार) रात्रि 12 बजे से आरंभ होगी, जो 7 जनवरी (शनिवार) सुबह 4 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार पौष पूर्णिमा इस बार 6 जनवरी को ही मनाई जाएगी.
- पौष पूर्णिमा तिथि (शुक्रवार)- 6 जनवरी रात्रि 12 से आरंभ होगी
- 7 जनवरी (शनिवार)- सुबह 4 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी.
- उदयातिथि के अनुसार, पौष पूर्णिमा इस बार 6 जनवरी को ही मनाई जाएगी.