नई दिल्ली: शाहदरा जिले की साइबर पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो मकान मालिकों को झांसा देकर उनसे ठगी किया करता था. डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान हरियाणा के मेवात निवासी हैदर, मुश्ताक और फरीदाबाद निवासी गगन के रूप में हुई है. एक महिला की शिकायत के बाद साइबर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया है. पूछताछ में इस गिरोह के सदस्यों ने खुलासा किया कि वह मकान मालिकों को आवास लेने का झांसा देते थे और एडवांस पेमेंट देने के बहाने उनके अकाउंट से पैसे निकाल दिया करते थे. ये लोग मकान मालिकों को एक लिंक भेजते थे और लिंक पर क्लिक करते ही उनके अकाउंट से पैसे आरोपी के खाते में ट्रांसफर हो जाते थे.
डीसीपी ने बताया कि 18 मार्च को शिकायतकर्ता जाह्नवी ने आरोप लगाया कि उन्हें पेइं गेस्ट(पीजी) के लिए पूछताछ करने के लोकर एक कॉल आई. फोन करने वाले ने खुद को सेना का जवान बताया और कहा कि उसे अपनी बेटी के लिए पीजी की जरूरत है. उसने 4 महीने की अवधि के लिए आवास बुक करने के लिए एडवांस्ड पेमेंट की भी पेशकश की.
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कॉल पर सहमति के अनुसार कॉलर ने राशि ₹14000 x 4 यानी ₹56000/- पेटीएम पर भुगतान करने की बात कही. कॉलर ने शिकायतकर्ता को उक्त राशि प्राप्त करने के लिए एसएमएस से उसके द्वारा भेजे गए लिंक को स्वीकार कर क्लिक करने के लिए कहा. ऐसा करने पर उसे एक संदेश मिला कि उसके खाते से ₹56000/ - डेबिट हो गए हैं.
उन्होंने फोन करने वाले से शिकायत की कि राशि क्रेडिट होने के बजाय उसके खाते से डेबिट कर दी गई है. कॉलर ने शिकायतकर्ता को बताया कि यह उसकी ओर से कुछ गलती थी और अब इसे ठीक करने के लिए उसे कॉलर द्वारा भेजे गए एक नए लिंक पर क्लिक करके भुगतान स्वीकार करना होगा. ऐसा करने पर उसे एक और संदेश मिला कि उसके खाते से ₹56000/- की राशि डेबिट हो गई है. इस तरह शिकायतकर्ता को ₹1,12,000/- का नुकसान हुआ. इस घटना के बाद दोनों नंबर (एक कॉल में इस्तेमाल और दूसरा व्हाट्सएप में इस्तेमाल) कॉलर द्वारा स्विच-ऑफ कर दिए गए.