नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्याज की कीमतें फिर से आसमान छूने लगी हैं. खुदरा बाजार में प्याज 60-80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इस मुद्दे पर सियासी आरोपों-प्रत्यारोपों की रफ्तार भी प्याज की बढ़ती कीमतों से कम नहीं है.
ग्राहक नदारद
प्याज की बढ़ती कीमतों ने न सिर्फ लोगों का जायका बिगाड़ दिया है, बल्कि सियासत के मुद्दों में भी बदलाव कर दिया है. अब प्याज की बढ़ती कीमत दिल्ली का एक बड़ा सियासी मुद्दा बन चुकी है. तीनों दलों के बीच इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप के तीर चल रहे हैं. सियासी दलों के बीच इस पर मचे सिर फुटौव्वल से पहले यह जानना जरूरी है कि प्याज की कीमतों को लेकर जनता क्या सोचती है और यही जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम पूर्वी दिल्ली के स्कूल ब्लॉक सब्जी मंडी में पहुंची. यहां मनोज की दुकान पर आलू प्याज के ढेर तो थे, लेकिन ग्राहक नदारद थे.
मनोज ने बताया कि वे शाम से 15-20 किलो ही प्याज बेच सके हैं, जबकि प्याज की महंगाई ना होने पर आम दिनों में एक कट्टा यानी 40 किलो से ज्यादा प्याज बेच लेते हैं. यहां एक शख्स जो प्याज खरीद चुके थे, उन्होंने बताया कि 60 रुपये किलो प्याज होने के कारण आधा किलो प्याज ही खरीद सके. प्याज खरीदने आए एक अन्य शख्स की भी यही व्यथा थी.