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लोगों को कार में लिफ्ट देने के बाद गन प्वाइंट पर करते थे लूट, पुलिस ने गिरोह का किया पर्दाफाश - लिफ्ट देने के बाद गन प्वाइंट पर करते थे लूट

नोएडा पुलिस ने ऐसे चार शातिर लुटेरों को गिरफ्तार किया है, जो गाडी में सवारियों को बैठाकर उनके साथ लूट की वारदात को अंजाम देते थे. इन लुटेरों ने आधा दर्जन से अधिक लूट की वारदात को नोएडा में अंजाम दिया है.

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गन प्वाइंट पर करते थे लूट

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Published : May 21, 2023, 9:24 PM IST

गन प्वाइंट पर करते थे लूट

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के थाना सेक्टर 39 पुलिस ने चेकिंग के दौरान थाना क्षेत्र के सेक्टर 44 के पास चार शातिर लुटेरों को गिरफ्तार किया है. ये गाड़ियों में सवारियों को बैठाकर उन्हें बंधक बनाकर उनके साथ लूट की वारदात को अंजाम देते हैं. उनका मोबाइल, पेटीएम, एटीएम सहित अन्य चीजें लूट लेते हैं. पकड़े गए आरोपियों में सेक्टर 70 निवासी राजेश कश्यप उर्फ भेड़ा, यशपाल कश्यप, विजय कश्यप और अवनीश है. पूछताछ में आरोपियो ने बताया कि अब तक करीब आधा दर्जन से अधिक लूट की वारदात को नोएडा में अंजाम दिया है.

एडिशनल डीसीपी हृदेश कठेरिया ने बताया कि पकड़े गए आरोपी मौका देखकर वारदात को अंजाम देते थे. इनके द्वारा घटना में प्रयुक्त कार का नंबर प्लेट बदल देते थे. साथ ही ओला/ उबर की आईडी को भी बंद रखते थे. इस गैंग का मास्टरमाइंड राजेश है, जिसके ऊपर विभिन्न थानों में करीब 2 दर्जन से अधिक मुकदमा दर्ज हैं. पकड़े गए आरोपियों द्वारा नोएडा में सेक्टर-37, सेक्टर-62, एक्सप्रेसवे, गाजियाबाद, मोहन नगर सहित अन्य जगहों पर लूट की वारदात को अंजाम देते थे. अब तक इनके द्वारा नोएडा में करीब 6 वारदातों को अंजाम देने का मामला सामने आया है.

उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों द्वारा लूट की वारदात के दौरान अपने लोगों को गाड़ी में सवारी बनाकर पहले से बैठकर रखते थे. सवारी को उसी रूट पर जाने की बात कहते थे, जिस रूट पर सवारी को जाना होता था. साथ ही किराए में भी कमी करते थे. फिर लूट की वारदात को अंजाम देते थे.

डीसीपी ने टैक्सी गाड़ियों का प्रयोग करने वाले लोगों से कई सावधानियों को बरतने की बात कही۔ कभी भी किसी प्राइवेट गाड़ी से लिफ्ट न लें, अगर किसी गाड़ी में दो-तीन लड़के बैठे हो तो उसका प्रयोग कदापि न करें. हमेशा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही इस्तेमाल करें. गाड़ी में बैठते ही अपनी लोकेशन अपने परिजनों को अवश्य भेजें, इसके साथ ही गाड़ी में बैठते ही ड्राइवर का नंबर लेकर उस पर कॉल करके देख ले कि यह नंबर ड्राइवर के पास ही है तथा उस नंबर को अपने परिजनों को भेजें. अन्य कई सावधानियां है, जिसे हर किसी को बरतने की जरूरत है.

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