नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा:एनसीआर के सबसे बड़े सारस संरक्षण केंद्र के रूप में प्रसिद्ध धनौरी वेटलैंड को विकसित किया जाएगा. एनसीआर में कई पक्षी अभ्यारण और वेटलैंड हैं, जिनमें धनौरी वेटलैंड का सबसे बड़ा और पहला सारस प्रजनन और संरक्षण केंद्र है. यहां पर सारस के करीब 50 जोड़े संरक्षित हैं. यमुना प्राधिकरण के द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धनौरी वेटलैंड को अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके लिए प्रशासन वेटलैंड को रामसर स्थल का दर्जा दिलाने की मांग कर रहा है.
धनौरी वेटलैंड यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 17 के अंतर्गत आता है. यहां विभिन्न प्रकार के विदेशी प्रजाति के कॉमन पोचार्ड, गेडवॉल, कॉमन टील, नॉर्दर्न पिनटेल, टफटेड डक, नेक्ड स्टॉर्क, कलहंस, बार हेडेड गूज, कैस्टन, ग्रेलैग, गॉडविट, लाल शंकु, हरा शंकु, सिट्रीन वैगटेल और मार्श हैरियर समेत अन्य कई प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं. खासकर सर्दियों की शुरुआत के साथ इन जीवों का यहां आना शुरू हो जाता है. मौसम में ठंडक होने के चलते यहां पर नवंबर से मार्च के बीच विदेशी पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती है. इस दौरान रूस, मंगोलिया, आइसलैंड, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और यूरोप आदि देशों से पक्षी यहां आते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा धनौरी वेटलैंड:विदेशी पक्षियों के आने की वजह से इस वेटलैंड को रामसर साइट का दर्जा मिलने की भी बात चल रही है, जिससे इस वेटलैंड को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी. जिला प्रशासन ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है. करीब 12 वर्ष पहले जंगल में यह प्राकृतिक वेटलैंड सामने आया था, जो करीब 112 हेक्टेयर में फैला है. इस वेटलैंड को देखने के लिए दिल्ली एनसीआर से शनिवार और रविवार को काफी सैलानी यहां आते हैं.
वन संरक्षक अधिकारी पी.के. श्रीवास्तव ने बताया कि धनौरी वेटलैंड को विकसित किया जाएगा, जिससे की इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त हो सके और यह एक बड़ा पर्यटन स्थल बन सके. इसके लिए यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों को कई प्रस्ताव दिए गए हैं, जिनमें से अधिकांश प्रस्ताव पर सहमति भी बन चुकी है. उन्होंने बताया यमुना प्राधिकरण से धनौरी वेटलैंड का एरिया तय करने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे प्राधिकरण ने मानते हुए 112 हेक्टेयर क्षेत्र वेटलैंड के लिए तय कर दिया है.