दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

मॉनिटरिंग कमेटी ने लाजपत नगर में 2018 में सील हुई दुकानों को डी-सील करने का दिया आदेश - Monitoring committee ordered to deseal shops

मॉनिटरिंग कमेटी ने लाजपत नगर पार्ट 4 में सील दुकानों को डी-सील करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने 2018 में लाजपत नगर में स्थित पुरानी डबल स्टोरी लेडीज गारमेंट मार्केट को सील करने का आदेश दिया था.

डॉ शैली ओबरॉय
डॉ शैली ओबरॉय

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 20, 2023, 8:31 PM IST

डॉ. शैली ओबरॉय

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली मेंदिवाली से पहले दुकानदारों को बड़ा तोहफा मिला है. लाजपत नगर पार्ट 4 में सील दुकानों को डी-सील किया जाएगा. मॉनिटरिंग कमेटी ने सभी दुकानों को डी-सील करने का आदेश दिया है. मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने बताया कि दुकानें डी-सील कराने के लिए कुछ-कुछ फॉर्मेलिटी पूरी करनी पड़ेगी. इसमें दिल्ली नगर निगम भरपूर मदद करेगा.

मेयर ने कहा कि पिछले कुछ सालों से दुकानदार खून के आंसू रो रहे थे और दर-दर सरकारी दफ्तर में धक्के खा रहे थे. केजरीवाल ने अपना वादा पूरा किया. जनता को बड़ी राहत मिली है. दुकानों को डी-सील करने का आदेश दिया गया है. मॉनिटरिंग कमेटी का यह बहुत ही सराहनीय फैसला है. व्यापारियों की दुकानें डी-सील कराने के लिए कुछ-कुछ फॉर्मेलिटी पूरी करनी पड़ेगी. इसके तहत, एक अंडरटेकिंग देनी पड़ेगी. इसमें उनको एक सप्लीमेंट लीज डीड जमा करनी होगी. इसके अलावा जो भी कोई पेनल्टी, मिस यूज चार्ज हैं, वो देना पड़ेगा. कुछ कन्वर्जन चार्ज, पार्किंग चार्ज सहित कोई अन्य बकाया है तो वो भी देना पड़ेगा. इसके बाद इन सभी दुकानों को डिसील किया जाएगा.

नेता सदन मुकेश गोयल ने कहा कि लाजपत नगर की इस मार्केट से लगभग 400 व्यापारी और 20 हजार अन्य लोगों का व्यवसाय चल रहा था. इस अहम फैसले के बाद बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिली है. मॉनिटरिंग कमेटी से निवेदन है कि व्यापारियों के हित के अंदर इस तरह के फैसले लें, जिससे दिल्ली के अंदर व्यापारी अपना व्यापार भी कर सकें और निगम को रेवेन्यू भी आ सके. नगर निगम की तरफ से जो भी फॉर्मेलिटी है, उन्हें जल्द पूरा किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने 2018 में लाजपत नगर-पार्ट 4 में स्थित पुरानी डबल स्टोरी लेडीज गारमेंट मार्केट को सील करने का आदेश दिया था. इस आदेश के तहत मार्केट की करीब 392 दुकानों को सील कर दिया गया था. कोर्ट ने यह फैसला आवासीय क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां चलाने और कुछ सार्वजनिक भूमि का घेराव करने के चलते लिया था. इसके बाद कई सालों तक दुकानदारों ने अपनी लड़ाई लड़ी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के चलते दुकानदारों का व्यापार बंद हो गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details