नई दिल्ली/ ग्रेटर नोएडा: इसरो का चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सुरक्षित उतर गया है. इसरो के साथ यह सभी भारतवासियों के लिए महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक क्षण है. इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतरकर इतिहास रच दिया है. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. केंद्र के आईआईटी और आईआईएम समेत विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा संस्थानों में चंद्रमा पर चंद्रयान 3 की लैंडिंग की लाइव स्ट्रीमिंग दिखाई गई. भारत और राज्य सरकार की तरफ से जारी आदेशों में सभी शैक्षणिक संस्थाओं को छात्र-छात्राओं को इस सीधा प्रसारण दिखाने को सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई.
भारत के लिए ऐतिहासिक पल: गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में भी चंद्रयान 3 की लैंडिंग की लाइव स्ट्रीमिंग दिखाई गई. जीबीयू के कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जीबीयू में इसका सीधा प्रसारण दिखाने का मुख्य कारण है कि चंद्रयान तीन की लैंडिंग एक यादगार पल है. ये ना केवल जिज्ञासा को बढ़ावा देगा बल्कि हमारे युवाओं के मन में इनोवेशन के लिए एक जुनून भी पैदा करेगा. इससे गर्व और एकता की गहरी भावना पैदा होती है क्योंकि हम सामूहिक रूप से भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शक्ति का जश्न मना रहे हैं.
सीपीयू प्रशासन में चांद की सतह पर चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर प्रज्ञान रोवर के साथ चांद की सतह उतरने की इस ऐतिहासिक क्षण का सीधा प्रसारण दिखाने की व्यवस्था की गई. मौके पर कुलपति डॉ विश्वास त्रिपाठी ने कहा कि इस ऐतिहासिक दिन का हम सभी भारतवासियों को बेसब्री से इंतजार था. जीबीयू प्रशासन ने छात्रों को इस दिन का साक्षी बनने का एक सुनहरा मौका प्रदान किया. यह वैज्ञानिक जांच और नवाचार के माहौल को बढ़ावा देने में योगदान देगा.