नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: नाबालिग युवती से दुष्कर्म और अनैतिक देह व्यापार कराने के तीन आरोपियों को गौतमबुद्धनगर जिला अदालत ने दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तृतीय) रणविजय प्रताप सिंह ने समीर उर्फ मकसूद, ओमकार क्षत्रिय और अनूप गुप्ता को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सभी दोषियों पर अलग-अलग 1,08,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा न करने पर आरोपियों को छह महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. वहीं जेल में बिताई गई अवधि इस सजा में समायोजित कर दी जाएगी.
शासकीय अधिवक्ता फौजदारी भाग सिंह भाटी व सुखबीर नागर ने बताया कि नोएडा के सेक्टर 39 थाना अंतर्गत 12 जुलाई, 2008 में एक नाबालिग युवती ने पुलिस से शिकायत की थी, जिसमें युवती ने खुद को सिक्किम निवासी बताया था. उसने बताया कि उसे मोनिका नाम की महिला दिल्ली में नौकरी के लिए लेकर आई थी. महिला ने उसे दिल्ली के साकेत के एक मकान में सात-आठ दिन पहले लाकर छोड़ दिया था, जहां पर तीनों आरोपी समीर उर्फ मकसूद, ओमकार क्षत्रिय और अनूप गुप्ता ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसे अनैतिक देह व्यापार के लिए विवश किया. तीनों आरोपी नाबालिग पीड़िता को गाड़ी से अलग-अलग जगह लेकर जाते थे और वहां पर उससे जबरन अनैतिक देह व्यापार कराते थे. ऐसा न करने पर वह उसे जान से मारने की धमकी देते थे.
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि तीनों आरोपी उससे देह व्यापार कराकर वापस ला रहे थे. इसी बीच तीनों ने किसी काम से गाड़ी रोकी, जिसके दौरान युवती गाड़ी से निकलकर पुलिस के पास पहुंच गई और घटना की शिकायत की. इसके बाद पुलिस ने युवती की शिकायत के आधार पर मोनिका, समीर उर्फ मकसूद, ओमकार क्षत्रिय और अनूप गुप्ता के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज करके युवती को मेडिकल के लिए भेज दिया. वहीं पुलिस ने मामले की जांच करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इस मामले में समीर और ओमकार तभी से जिला कारागार में बंद हैं. वहीं अनूप गुप्ता को इस मामले में जमानत मिल गई थी. पुलिस ने इस मामले की चार्जशीट जिला न्यायालय में पेश की थी.