नई दिल्ली/गाजियाबाद:मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का विशेष महत्व है. इस एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार इस एकादशी का व्रत आठ दिसंबर को रखा जाएगा. ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि सतयुग में मुर नामक एक राक्षस हुआ करता था, जिसने अपने पराक्रम से देवलोक पर अधिकार हासिल कर लिया था. इससे सारे देवता देवलोक छोड़कर पृथ्वी पर इधर-उधर विचरण करने लगे.
इसके बाद भगवान इंद्र ने सभी देवताओं के साथ जाकर भगवान विष्णु को अपने दुख का कारण बताया और रक्षा करने को कहा. भगवान विष्णु उस राक्षस से कई वर्षों तक युद्ध करते रहे. युद्ध के दौरान उन्हें निद्रा आ गई, जिससे वह विश्राम करने बदरिकाश्रम चले गए. तब वहां मुर ने आकर उनपर प्रहार करना चाहा, जिसके दौरान भगवान से देवी एकादशी की उत्पत्ति हुई और उन्होंने युद्ध कर मुर राक्षस का अंत कर दिया.
जब भगवान विष्णु योगनिद्रा से जगे तो उन्होंने पाया कि देवी ने राक्षस का अंत कर दिया है. तब उन्होंने कहा कि एकादशी तिथि के दिन आपकी उत्पत्ति हुई है और जो भी इस दिन मेरे साथ आपकी भी पूजा की जाएगी. इसलिए इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा.