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Chandragrahan 2023: 28 अक्टूबर को रहेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें सूतककाल व सावधानियां - 28 अक्टूबर को रहेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण

ग्रहण केवल खगोलीय ही नहीं बल्कि धार्मिक मान्यता भी रखता है. इस साल आखिरी चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को रहेगा. जानिए इसके सूतककाल के और उन सावधानियों के बारे में, जिनका आपको ध्यान रखाना चाहिए. Chandragrahan 2023

Chandragrahan 2023
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 25, 2023, 4:01 PM IST

ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद:साल 2023 का आखिरी चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को पड़ेगा. यह रात्रि 1:05 बजे से शुरू होकर 2:24 बजे समाप्त हो जाएगा. यानि ग्रहण की कुल अवधि एक घंटा 19 मिनट होगी. हालांकि, रात्रि 11:30 बजे से चंद्रमा की कान्ति मलिन होना शुरू हो जाएगी, जो ग्रहण समाप्ति के बाद 3:58 बजे तक रहेगी. यह पूर्ण अवधि 4 घंटे 28 मिनट की है.

ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि यह ग्रहण भारत के साथ श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, चीन, रूस, ईरान, इराक, सऊदी अरब, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, यूक्रेन, पोलैंड, इटली, ब्रिटेन, यूरोप, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ब्राजील आदि देशों में भी दिखाई देगा.

चंद्र ग्रहण का सूतक:चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण के आरंभ होने से नौ घंटे पहले लग जाता है. वहीं, सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लगता है. इस चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर को शाम 4:05 बजे से शुरू हो जाएगा, जिसके बाद मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे. साथ ही घर में भी पूजा अर्चना नहीं की जाएगी. सूतक और ग्रहण के समय बच्चों, बूढ़ों और रोगी को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को भोजन नहीं करना चाहिए. वहीं, ग्रहण की अवधि में खाद्य पदार्थों को खुला नहीं रखना चाहिए. चंद्रमा की दूषित विकिरणों के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते अथवा कुशा डालकर रखनी चाहिए. इससे भोजन दूषित नहीं होता.

करें यह कार्य:ग्रहण की अवधि में ईश्वर की आराधना, गुरु मंत्र अथवा गायत्री मंत्र का जाप करना और दान करने का विशेष महत्व होता है. ग्रहण के समाप्ति के बाद स्नान करके अपने मंदिर को साफ कर दीपक जलाएं और भगवान की आरती करें. ग्रहण के समाप्ति के बाद स्नान कर के ही सूतक की निवृत्ति होती है.

गर्भवती महिलाएं रखें ये ध्यान:जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें ग्रहण में विशेष ध्यान रखना चाहिए. ऐसी स्थिति में महिलाओं को चाकू आदि से फल, सब्जी नहीं काटना चाहिए. साथ ही कैंची से कपड़ा आदि भी नहीं काटना चाहिए. ग्रहण काल में ईश्वर की प्रार्थना, गुरुदेव के मंत्र जाप करें और लेटे नहीं. कुछ देर बैठकर भगवान का भजन करें. इससे ग्रहण का दुष्प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर नहीं पड़ता है.

ग्रहण का विभिन्न राशियों पर ग्रहण का प्रभाव:चंद्र ग्रहण आश्विन मास की पूर्णिमा अर्थात शरद पूर्णिमा को अश्विनी नक्षत्र में पड़ रहा है. इस दिन चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे. इसलिए यह ग्रहण मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए शुभ नहीं है. मीन राशि वाले व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और वे धन के लेनदेन में सावधानी बरतने के साथ वाहन चलाने में जल्दबाजी न करें. वहीं, वृषभ, कन्या और कुंभ राशि वालों के लिए इस ग्रहण का फल मध्यम रहेगा. यानि जैसा सा चल रहा है वैसा ही चलता रहेगा. लेकिन मिथुन, सिंह, तुला, धनु और मकर राशि वालों के लिए यह ग्रहण बहुत शुभदायक, धन, सफलता आदि देने वाला है.

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