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Chaitra Poornima 2023: कब है चैत्र पूर्णिमा 5 या 6 अप्रैल, जानें पूजा का मुहूर्त - हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा

हिंदू कैलेंडर के अनुसार पूर्णिमा तिथि किसी भी माह का आखिरी दिन होता है. अभी चैत्र का महीना चल रहा है. इसके बाद वैशाख महीने की शुरुआत हो जाएगी. चैत्र पूर्णिमा हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा मानी जाती है. मान्यता है कि पूर्णिमा का व्रत रखने वालों पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है. आइए जानते हैं इस साल चैत्र पूर्णिमा की सही तारीख, पूजा का मुहूर्त और इस दिन के उपाय.

Chaitra Poornima 2023
कब है चैत्र पूर्णिमा

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Published : Apr 5, 2023, 10:49 AM IST

Updated : Apr 5, 2023, 12:33 PM IST

आचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली : सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक पूर्णिमा तिथि महीने के आखिरी दिन होती है. चैत्र मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा कहते हैं. चैत्र पूर्णिमा के बाद वैशाख मास की शुरुआत होती है. इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस बना हुआ है. शिव शंकर ज्योतिष एवं अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष आचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक चैत्र माह की पूर्णिमा पांच अप्रैल से प्रारंभ होगी.

आचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, सर्वत्र सिद्धि योग में इस बार पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. अगले दिन गुरुवार 6 अप्रैल को पूर्णिमा सुबह 10: 03 पर समाप्त होगी. शाम को सूर्यास्त के समय पूर्णिमा नहीं रहेगी. ऐसे में 5 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.

मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और कृपा बरसाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान- दान करने और भगवान सत्यनारायण की कथा करने का विशेष महत्व बताया गया है. चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह शुभ मुहूर्त में भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है और समृद्धि आती है. मान्यता है कि इस दिन रात में मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन की प्राप्ति होती है और घर में धन की कमी नहीं होती. इस दिन दान का भी विशेष महत्व बताया गया है. चैत्र पूर्णिमा के दिन गरीबों और बेसहारा लोगों को अनाज, फल और वस्त्र दान करने से कष्टों का नाश होता है.

चैत्र पूर्णिमा तिथि और मुहूर्त

चैत्र पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 5 अप्रैल, बुधवार 09:18 AM

चैत्र पूर्णिमा तिथि समाप्त: 6 अप्रैल, गुरुवार 10:03 AM

सत्यनारायण की पूजा का समय: 5 अप्रैल, बुधवार 09:18 AM से 12:24 PM

चंद्र उदय का समय: 5 अप्रैल, बुधवार शाम 6:01 PM

पूजा विधि :चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह प्रात काल उठें. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. पवित्र नदियों में स्नान करना संभव नहीं है तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. इसके बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें और सूर्य देव को जल का अर्घ दें. इस दौरान सूर्य मंत्र का जाप करें.

ना करें ये कार्य :चैत्र पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें. मास, प्याज और लहसुन का भी सेवन न करें. किसी भी तरह के नशे जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि से भी पूर्णता दूर रहें. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति, अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा और एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप माना गया है. इस दिन विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग न करें. न ही किसी पर गुस्सा करें. अपशब्द का प्रयोग करने से भी पूर्णता बचें.

Note : खबर में जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें, यह केवल जानकारी के लिए है.

Last Updated : Apr 5, 2023, 12:33 PM IST

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