दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

Budh Pradosh Vrat 2023: इस दिन है वैशाख माह का अंतिम प्रदोष व्रत? जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

वैशाख माह का दूसरा प्रदोष व्रत बुधवार को रखा जाएगा. इस व्रत के माध्यम से व्रती को भगवान शंकर की कृपा के साथ बेहतर स्वास्थ्य और लंबी आयु भी प्राप्त होती है. आइए जानते हैं इसकी पूजन विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में..

Budh Pradosh Vrat 2023
Budh Pradosh Vrat 2023

By

Published : May 2, 2023, 3:48 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:व्रतों में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है और इसके माध्यम से भगवान शिव की विशेष कृपा पाई जा सकती है. यह व्रत साल में 24 बार आता है, जो हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है. बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष कहते हैं. 3 मई बुधवार को लोग बुध प्रदोष का व्रत करेंगे. साथ ही यह वैशाख माह का दूसरा और अंतिम प्रदोष व्रत भी है.

इस व्रत को करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से सभी तरह के कष्ट और पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही बुध प्रदोष का व्रत करने से बेहतर स्वास्थ्य और लंबी आयु की भी प्राप्ति होती है. यह भी मान्यता है कि बुध प्रदोष का व्रत रखने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और आर्थिक क्षेत्र में उन्नति मिलती है. इसके अतिरिक्त, कार्य क्षेत्र में भी सफलता की प्राप्ति होती है.

प्रदोष व्रत में पूजन:व्रती सायंकाल स्नान करें और भगवान शिव की पूजा करें. प्रदोष काल में भगवान शिव का षोडशोपचार तरीके से पूजन और प्रदोष व्रत की कथा करने के बाद भगवान भोलेनाथ की आरती करें और प्रसाद वितरण कर स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें.

पूजा का मुहूर्त-

  • पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 2 मई 2023 को रात 11 बजकर 17 मिनट से प्रारंभ हो रही है.
  • त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 3 मई 2023 को रात 11 बजकर 49 मिनट पर होगी.
  • बुध प्रदोष व्रत पूजन का मुहूर्त - शाम 06:57 - रात 09:06 (3 मई 2023)

करें ये जाप: प्रदोष व्रत के दिन ओम नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें. ऐसा करने से शरीर और मन शांत रहता है साथ ही महादेव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. प्रदोष व्रत के दिन रूद्र मंत्र का जाप करना भी बेहद फलदाई माना गया है.

यह भी पढ़ें-Festivals in May 2023: इस दिन वैशाख पूर्णिमा, ज्येष्ठ अमावस्या और निर्जला एकादशी, जानें माह के व्रत-त्योहार

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है. यहां यह बताना जरूरी है कि ईटीवी भारत किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी.

यह भी पढ़ें-Mohini Ekadashi : इन चीजों का दान करने से मिलेगी समस्याओं से मुक्ति और सुख-समृद्धि, ध्यान में रखें ये बात

ABOUT THE AUTHOR

...view details