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उस्मानपुर: 5 टन की क्षमता वाले जैविक गैस संयंत्र का उद्घाटन - संदीप कपूर

इस मौके पर स्थायी समिति अध्यक्ष, संदीप कपूर ने कहा कि इस संयंत्र में बायोलॉजिकल प्रोसेस के द्वारा जैविक गैस का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्वी निगम द्वारा उठाया गया यह कदम पर्यावरण हितेषी है. क्योंकि जैविक गैस खाना पकाने और प्रकाश व्यवस्था के लिए ऊर्जा की आपूर्ति करती है. साथ ही यह उच्च गुणवत्ता वाली खाद भी बनाती है.

Inauguration of organic gas plant in delhi Osmanpur
जैविक गैस संयंत्र का उद्घाटन

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Published : Dec 30, 2019, 6:16 AM IST

Updated : Dec 30, 2019, 9:20 AM IST

नई दिल्ली:पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा रविवार को एमसीडी फ्लैट उस्मानपुर में 5000 किलोग्राम प्रतिदिन की क्षमता वाले जैविक गैस सयंत्र का उद्घाटन किया गया. यह उदघाटन पूर्वी दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति अध्यक्ष, संदीप कपूर द्वारा किया गया. इस मौके पर पर्यावरण प्रबंधन सेवा समिति के अध्यक्ष, के. के अग्रवाल, सहित अनेक पार्षद तथा निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.

'जैविक गैस का निर्माण किया जाएगा'
इस मौके पर स्थायी समिति अध्यक्ष, संदीप कपूर ने कहा कि इस संयंत्र में बायोलॉजिकल प्रोसेस के द्वारा जैविक गैस का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्वी निगम द्वारा उठाया गया यह कदम पर्यावरण हितेषी है. क्योंकि जैविक गैस खाना पकाने और प्रकाश व्यवस्था के लिए ऊर्जा की आपूर्ति करती है. साथ ही यह उच्च गुणवत्ता वाली खाद भी बनाती है.

'प्रतिदिन 500 किलो वाट बिजली बनेगी'
संदीप कपूर ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा ठोस कूड़ा प्रबंधन नियम 2016 एवं उपनियम 2018 को लागू करने की दिशा में इस जैविक गैस संयंत्र की स्थापना की गई है. उन्होंने बताया कि इस संयंत्र द्वारा प्रतिदिन 5000 किलोग्राम गीले कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन होगा. जिसमें प्रतिदिन 500 किलो वाट बिजली बनेगी और 750 किलो जैविक खाद बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस संयंत्र की स्थापना से गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े के भार को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.

'बेहतर स्वच्छता रैंकिंग लाने का प्रयास'
पर्यावरण प्रबंधन सेवा समिति के अध्यक्ष, के के अग्रवाल ने कहा कि स्वच्छता रैंकिंग सर्वेक्षण 2020 में बेहतर रैंकिंग हासिल करने के लिए पूर्वी निगम द्वारा विभिन्न सकारात्मक प्रयास किये जा रहें हैं. उन्होंने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत गीले कूड़े को लेंडिंग प्लेटफॉर्म में डाल जाएगा, जहां कूड़े की पुनः छटाई होगी, फिर गीले कचरे को महीन करने के लिए क्रशर में डाला जाएगा.

इसके बाद इसमे पानी मिलाकर एक टैंक में डाला जाएगा, जहां अवायवी प्रकिया द्वारा गैस का निर्माण किया जाएगा और अवायवी प्रक्रिया के बाद बचे घोल में से पानी सुखाने के बाद जैविक खाद बनाई जाएगी.

Last Updated : Dec 30, 2019, 9:20 AM IST

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