दिल्ली

delhi

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 30, 2023, 1:09 PM IST

ETV Bharat / state

Heart Attack Cases: कोविड वैक्सीन की वजह से भारत में बढ़े हार्ट अटैक के मामले? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

भारत में पिछले एक साल में हृदय संबंधी बीमारी के कारण मौत की कई घटनाएं सामने आई हैं. लोगों को अचानक बैठे-बैठे, नाचते, कसरत करते हुए हार्ट अटैक आने के वीडियो सामने आए हैं. इस मामले में हृदय रोग विशेषज्ञों का क्या कहना है जानिए...

Etv Bharat
Etv Bharat

नई दिल्ली:कोरोना महामारी के बाद दुनियाभर में दिल की बीमारी से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. डॉक्टरों का कहना है कि युवाओं में भी कार्डिएक अरेस्ट यानी दिल का दौरा के मामले बढ़ रहे हैं. हालांकि इनमें से किसी भी मामले के कोविड से जुड़े होने के प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन कुछ लोग हार्ट अटैक को कोरोना महामारी के प्रभाव के रूप में देख रहे हैं. पूर्वी दिल्ली के कैलाश दीपक अस्पताल में शुक्रवार 29 सितंबर को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें डॉक्टरों ने यह जानकारी दी और वहां उपस्थित लोगों को हार्ट अटैक से बचने के लिए सीपीआर की ट्रेनिंग भी दी गई.

हृदय रोग पर डाक्टरों ने ये कहा

कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए डॉक्टर आनंद कुमार पांडे ने बताया कि हर परिवार में एक व्यक्ति सीपीआर सीख ले तो हार्टअटैक से होने वाली मौत 60 फीसदी तक घट सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शहरी क्षेत्र में 11% हृदय रोग से पीड़ित मरीज हैं, जबकि ग्रामीण एरिया में 7 से 8% हैं. शहर के लोगों में हृदय रोग होने की संभावना ज्यादा है.

भारत में पिछले एक साल में दिल संबंधी बीमारी के कारण मौत की कई घटनाएं सामने आई है. लोगों को अचानक बैठे-बैठे, नाचते, कसरत करते हुए हार्ट अटैक आने के वीडियो सामने आए हैं. कई लोगों का मानना है कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद ऐसे मामलों में तेजी आई है. इसपर डॉक्टर अजय मित्तल ने जानकारी देते हुए बाताया कि ऐसा कोई भी रिपोर्ट या वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं मिला है जिससे यह पता चले कि कोरोना या कोरोना के वैक्सीन की वजह से हृदय रोग में वृद्धि हुई है. कोरोना की वजह से लोगों का लाइफस्टाइल सुधर गया था. प्रदूषण नियंत्रण में थी. जिससे हार्ट अटैक में कमी आई थी.

सीपीआर बचा सकती है रोगी की जान

भारत में हार्ट अटैक के शिकार लगभग 28 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है, हालांकि अगर समय रहते कुछ सावधानियां बरती जाएं तो रोगी की जान बचाई जा सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि सीपीआर ऐसी ही एक जान बचाने वाली प्रक्रिया मानी जाती है, जिसको अगर हार्ट अटैक के बाद समय रहते प्रयोग में लाया जाए तो मृत्यु के खतरे को कम किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें-

World Heart Day 2023: विश्व हृदय दिवस के मौके पर एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल में वॉकथॉन का आयोजन

World Heart Day 2023 : हार्ट डिजीज से सालाना इतने लोगों की मौत, शरीर में दिखे ये लक्षण तो कराएं जांच

ABOUT THE AUTHOR

...view details