नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: यमुना और हिंडन नदी की बाढ़ से एक दर्जन से ज्यादा गांव और कालोनियां प्रभावित हुई हैं. हजारों लोगों को पुलिस प्रशासन ने सुरक्षित अस्थाई आश्रय स्थलों में ठहरने की व्यवस्था कराई है. प्रशासन की तरफ से की गई व्यवस्था से कई लोग संतुष्ट नहीं हैं. आश्रय स्थलों में लोगों को कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ रहा है. हालांकि प्रशासन की तरफ से लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में यमुना और फिर हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ने से दर्जनों गांव में बाढ़ आ गई. वहां से प्रभावित लोगों को पुलिस प्रशासन ने अस्थाई आश्रय स्थलों में पहुंचाया. बाढ़ में फंसे हुए हजारों लोगों को एनडीआरएफ और पुलिस ने रेस्क्यू कर आश्रय स्थलों में पहुंचाया. जहां प्रशासन की तरफ से लोगों को खाने-पीने, दवाई सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. लेकिन बढ़ती गर्मी से परेशान लोग आश्रय स्थलों में विशेष सुविधाओं की मांग कर रहे हैं.
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ग्रेटर नोएडा में हिंडन और यमुना के कारण आई बाढ़ से कई हजार परिवार प्रभावित हुए इन सभी के लिए प्रशासन ने 24 सुरक्षित अस्थाई आश्रय स्थल बनाए. जिनमें लगभग 8 से 10 हजार लोग रह रहे हैं. वहां पर लोगों के खाने-पीने और स्वास्थ्य से संबंधित सभी समस्याओं का ध्यान रखा जा रहा है. लेकिन वहां ठहरने वाले लोग जनरेटर व अलग कमरे की मांग कर रहे हैं. प्रशासन के लिए उन सुविधाओं का पूरा करना मुश्किल हो रहा है.
आश्रय स्थलों में बढ़ा बीमारियों का खतरा