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ग्रेटर नोएडा: पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्राधिकरण के खिलाफ 40 गांवों के किसानों का हल्ला बोल

ग्रेटर नोएडा के 40 से अधिक गांवों के किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को भी उनका धरना जारी रहा. कई राजनीतिक दलों सहित अनेक किसान संगठन उनका समर्थन कर रहे हैं. किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि मांगें पूरी होने तक उनका धरना प्रदर्शन ऐसे ही चलता रहेगा.

मांगों को लेकर प्राधिकरण के खिलाफ 40 गांव के किसानों का हल्ला बोल
मांगों को लेकर प्राधिकरण के खिलाफ 40 गांव के किसानों का हल्ला बोल

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Published : May 2, 2023, 4:30 PM IST

मांगों को लेकर प्राधिकरण के खिलाफ 40 गांव के किसानों का हल्ला बोल

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के 40 से अधिक गांव के किसानों ने मंगलवार को अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर हल्ला बोल प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरना दे रहे किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया. महापंचायत में भारी संख्या में किसानों के साथ महिलाएं भी प्राधिकरण कार्यालय पहुंचीं. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका प्रदर्शन चलता रहेगा.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे किसानों ने मंगलवार को महापंचायत का आयोजन किया. महापंचायत प्रदर्शन में शामिल होने के लिए भारी संख्या में किसान और महिलाएं वहां पहुंचे. किसानों की महापंचायत को देखते हुए वहां पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी और बेरिकेडिंग लगाई गई है. हाथों में झंडे और नारे लगाते हुए हजारों की संख्या में किसान प्राधिकरण पर पहुंचे और प्रशासन और प्राधिकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रशासन की तरफ से उन्हें धरना न देने के लिए कहा गया, लेकिन नारेबाजी करते हुए किसान पहले से जारी धरने में शामिल हो गए. उनका कहना है कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक प्राधिकरण उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लेता.

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अखिल भारतीय किसान सभा के प्रवक्ता रूपेश वर्मा ने कहा कि हमारी प्रमुख मांगों में सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा, नए कानून के आधार पर किसानों के लिए योजनाओं में 20% प्लॉट का निर्धारण करना, परिवार के बच्चों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराना, किसानों को बढ़े हुए मुआवजे का वितरण और किसानों को उनकी लीज बैक देने के साथ ही उनकी आबादी का निस्तारण करना आदि शामिल है. हमने मांगों की लिस्ट प्राधिकरण को सौंप दी है, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी लगातार मनमाना रवैया अपना रहे हैं और हमारी मांगों को अनदेखा कर रहे हैं. इसलिए मजबूरी में किसानों को यह प्रदर्शन करना पड़ रहा है. कहा कि हमारा यह महापड़ाव तभी खत्म होगा जब हमारी मांगों पर प्राधिकरण द्वारा ठोस निर्णय लेते हुए लिखित आश्वासन दिया जाएगा.

किसानों का कहना है कि इससे पहले भी कई बार प्राधिकरण पर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. प्राधिकरण किसानों को आश्वासन दे देता है लेकिन उनकी मांगों को कभी पूरा नहीं करता. उसके अधिकारी तानाशाही रवैया अपनाते हुए किसानों की मांगों को गंभीरता से नहीं लेते. अब जब तक प्राधिकरण के अधिकारी लिखित आश्वासन नहीं देते, किसानों का यह धरना महापड़ाव के रूप में जारी रहेगा.

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