नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: राजकीय आयुर्वेद ज्ञान संस्थान (जिम्स) में तीन दिन के धरने के बाद गुरुवार से स्वास्थ्य सेवाएं फिर से बहाल हो गई. ओपीडी के साथ अन्य सेवाएं शुरू होने से मरीजों को काफी राहत मिली. अपनी मांगों को लेकर जिम्स के लगभग 200 से अधिक नर्सिंग स्टाफ धरना दे रहे थे. बुधवार को जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद नर्सिंग स्टाफ ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर गुरुवार से काम शुरू किया.
क्या थी मांग: ग्रेटर नोएडा के कासना में स्थित जिम्स हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहा था. नर्सिंग स्टाफ का कहना था कि वो लोग यहां पर पिछले कई वर्षों से काम कर रहे हैं. कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी सेवाएं दी थी. कोविड काल के दौरान जिम्स के डायरेक्टर ने भविष्य में जिम्स हॉस्पिटल में होने वाली स्थायी भर्ती के लिए उन्हें को स्थायी नियुक्ति करने के लिए आश्वासन दिया था लेकिन अभी कुछ दिनों पहले जिम्स ने नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया, जिसमें बाहर के लोगों को प्राथमिकताएं दी जा रही थी.
जब जिम्स हॉस्पिटल द्वारा स्थायी नर्सिंग स्टाफ के लिए भर्तियां निकाली गई तो उन्होंने डायरेक्टर से उनकी नियुक्ति को लेकर बात की तो उन्होंने वादे से पलटते हुए उनको स्थायी करने से इनकार कर दिया. इसके बाद ही जिम्स हॉस्पिटल के 200 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.
जिलाधिकारी से मिले प्रदर्शनकारी: बुधवार शाम नर्सिंग स्टाफ जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा से मिले, जहां उन्होंने बताया कि नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए बाहर के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है. जबकि उन्होंने कोरोना के समय में अपनी जान को जोखिम में डालकर जिम्स हॉस्पिटल में सेवाएं दी थी. इसके बाद जिम्स के डायरेक्टर डॉ राकेश गुप्ता ने उन्हें भविष्य में स्थाई करने का आश्वासन दिया था.