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500 से ज़्यादा कार चोरी करने वाले गैंग का भंडाफोड़, 15 कार और एक बाइक बरामद

पूर्वी दिल्ली पुलिस की एटीएस की टीम ने इंटरस्टेट ऑटो लिफ्टर वसीम गैंग के तीन बदमाश को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से चोरी की 15 लग्जरी कार और एक मोटरसाइकिल बरामद हुई है. पुलिस के मुताबिक वसीम गैंग ने दिल्ली एनसीआर ,छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से अब तक 500 से ज्यादा कार चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है.

Gang busted for stealing more than 500 cars in delhi
500 से ज़्यादा कार चोरी करने वाले गैंग का भंडाफोड़

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Published : Dec 31, 2020, 10:42 PM IST

नई दिल्लीःपूर्वी दिल्ली पुलिस की एटीएस की टीम ने इंटरस्टेट ऑटो लिफ्टर वसीम गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस गैंग के तीन बदमाश को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से चोरी की 15 लग्जरी कार और एक बुलेट मोटरसाइकिल बरामद हुई है. पुलिस के मुताबिक वसीम गैंग ने दिल्ली एनसीआर ,छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से अब तक 500 से ज्यादा कार चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है.

0 से ज़्यादा कार चोरी करने वाले गैंग का भंडाफोड़
सूचना पर पुलिस ने लगाया ट्रैप

डीसीपी दीपक यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान सतीश कुमार, कुणाल यादव और रफीक उल्ला खान के रूप में हुई है. एटीएस की टीम को सूचना मिली थी कि वसीम गैंग का सदस्य सतीश गाजीपुर डेयरी फार्म के रास्ते नोएडा इलाके में चोरी की कार लेकर जाने वाला है. पुख्ता सूचना पर इंस्पेक्टर दिनेश आर्य ने एसआई रणवीर सिंह, एसआईएस पाल, हेड कांस्टेबल ललित दीक्षित, हेड कांस्टेबल अरुण, हेड कॉन्स्टेबल वीरेंद्र और कांस्टेबल अंकित ढाका की टीम बनाई. इस टीम ने गाजीपुर डेरी फॉर्म सड़क पर ट्रैप लगाया और सतीश को गिरफ्तार कर लिया.


15 कार और एक मोटर साइकल बरामद
सतीश के पास से चोरी की कार बरामद हुई.सतीश ने पूछताछ में बताया कि वह वसीम गैंग का सदस्य है और चोरी की कार को यूपी के जौनपुर और छत्तीसगढ़ के रायपुर लेजाकर बेच दिया करता था. सतीश की पूछताछ में उसके साथी कुणाल यादव और रफीक उल्ला खान को गिरफ्तार कर लिया गया. इनकी निशानदेही पर अलग अलग इलाके से चुराया गईं 15 कार और एक मोटरसाइकिल बरामद हुई .

500 से ज्यादा चोरी की वारदातों को दे चुके हैं अंजाम

पूछताछ में पता चला कि वसीम इस गैंग को मेरठ से ऑपरेट करता है, 5 साल में इस गैंग ने 500 से ज़्यादा कार चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है. इस गैंग के सदस्य इंसोरेंस कंपनी से डैमेज कार को असली कागजात के साथ खरीद लेते थे और चुराई गई कार पर डैमेज कार का नम्बर और चेचिस नम्बर लगा कर उसे छोटे शहरों में बेच दिया करते थे.

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