समाज के पदाधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द से जल्द इस हत्याकांड के दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो न्याय के लिए दिल्ली से संसद तक आंदोलन किया जाएगा. उत्तर पूर्वी जिले के जाफराबाद क्षेत्र में लगने वाले यमुना विहार, घोंडा में परिवार के साथ रहने वाले सुरेश की उसके दफ्तर से बुलाकर हत्या कर दी गई. इतना ही नहीं उसके शव को यूपी के ट्रॉनिका सिटी इलाके में फेंक दिया गया. वारदात को डेढ़ महीना गुजरने के बावजूद आज तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला.
भाड़े के हत्यारों का इस्तमाल!
पीड़ित परिवार का आरोप है कि वारदात वाले दिन कुछ लोग सुरेश को उनके घर से बुलाकर ले गए, लेकिन डेढ़ महीना गुजर गया अब तक हत्यारों की गिरफ्तारी तो दूर केस को दिल्ली में दर्ज तक नहीं किया गया. परिजनों ने आरोप लगाया है कि वारदात को अंजाम देने के लिए भाड़े के हत्यारों का इस्तेमाल किया गया है.
धक्के खाने को मजबूर परिवार
पेशे से फाइनेंसर और प्रजापति समाज से जुड़ी को-ऑपरेटिव सोसाइटी चलाने वाले सुरेश प्रजापति की हत्या गत 27 दिसंबर को की गई थी. डेढ़ महीने से ज्यादा का समय गुजरने के बाद भी सुरेश के परिजन दिल्ली यूपी पुलिस अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं. वारदात के तीसरे दिन समाज के सैंकड़ो लोगों ने सुरेश के दुर्गापुरी, सौ फूटा रोड स्थित दफ्तर के आगे सड़क जाम कर प्रदर्शन भी किया था, क्योंकि सुरेश का शव ट्रॉनिका सिटी से मिला था. ऐसे में पुलिस अफसरों ने इन्हें समझा बुझाकर मामला शांत करा दिया. परिजनों ने काफी मशक्कत के बाद केस से जुड़ी फाइल को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अब तक कुछ नहीं किया.