नई दिल्ली:पूर्वीजिले के शकरपुर स्थित पांच मंजिला इमारत में आग लगने से घायल 3 साल के मासूम बच्चे की हालत चिंताजनक बनी हुई है. बच्चे का इलाज कैलाश अस्पताल में चल रहा है. लेकिन उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है. घटना बीते सोमवार की है. जहां गणेश नगर की एक पांच मंजिला इमारत में आग लग गई थी. इस घटना में एक महिला की मौत हो गई है, वहीं दर्जनों लोग घायल हैं.
धुएं से दम घुटने लगा:बताया जा रहा है कि अगलगी में इमारत में रहने वाले करीब 50 लोग फंस गए. सीढ़ी ही बाहर निकलने का एक मात्र रास्ता था, जो पुरी तरह से आग की चपेट में था, आग की लपटे सीढ़ियों से ऊपर की तरफ आ रही थी, ऐसे में लोगों के पास बाहर निकलने का एक मात्र रास्ता बालकनी था, लोग अपनी जान बचाने के लिए बालकनी में आ गए और मदद की गुहार लगाने लगे, इधर, आग की लपटे और धुआं तेजी से बालकनी की तरफ भी पहुंच रहा था, बालकनी में खड़ा रहना मुश्किल हो रहा था, ऐसे में कई लोगों ने बालकनी से कूदने का फैसला लिया और एक के बाद एक कई लोगों ने छलांग लगा दी.
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कंबल में लपेटकर मासूम को दूसरी मंजिल से फेंका:बिल्डिंग के दूसरी फ्लोर पर कमल तिवारी परिवार के साथ रहते हैं, उनके परिवार में पत्नी प्रियंका, 12 वर्षीय शौर्य तिवारी और एक 3 साल का मासूम बेटा शिव है. कमल तिवारी भी बचने के लिए अपने दोनों बच्चों और पत्नी को लेकर बालकनी में आ गए, निकलने का जब कोई रास्ता नहीं मिला तब उन्होंने बालकनी के रास्ते कूदने का फैसला लिया, उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने बच्चों को बचाना था. छोटे शिव को बचाने के लिए उन्होंने उसे कंबल में लपेट कर नीचे फेंक दिया, कंबल सड़क से गुजर रही तार में अटक गया और बच्चा सिर के बल निचे गिर गया, उसके सिर में गंभीर चोट लगी, इस बीच कमल तिवारी का बड़ा बेटा भी बालकनी से कूद गया, जिससे उसका पैर टूट गया, दोनों बच्चों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है, शिव का इलाज दीपक कैलाश अस्पताल में चल रहा है, जिसकी हालत नाजुक बनी हुई है.
परिवार के साथ बालकनी में खड़े होकर बचाई जान:बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर रहने वाले रिटायर्ड सैनिकदेव सिंह ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ बालकनी में रात भर खड़े होकर जान बचाई, आग लगने के बाद उनके बेटे ने उन्हें उठाया, वह लोग छत पर जाने की कोशिश कर रहे थे, बेटा छत पर पहुंच गया लेकिन उनकी बेटी घबरा गई और वह लोग वापस कमरे में आ गए, कमरे में लगातार धुआं फैल रहा था, वह लोग बालकनी में आ गए और रात भर वहीं खड़े रहे दमकल की टीम जब वहां पहुंची तब उन्हें वहां से बचाया जा सका.