प्रवेश शर्मा ने बताया कि छट्ठी कक्षा से सभी स्कूलों में बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाती है. ऐसे में अगर निगम स्कूल में बच्चों को तीसरी कक्षा से ही संस्कृत पढ़ाई जाएगी तो बच्चों को छट्ठी में संस्कृत पढ़ने में कठिनाई नहीं होगी. प्रवेश शर्मा ने कहा कि निगम स्कूलों में बच्चों को अगर संस्कृत का प्राथमिक ज्ञान दिया जाएगा तो बच्चों को आगे की पढ़ाई करने में आसानी होगी. प्रवेश शर्मा ने मांग की है कि निगम स्कूलों में संस्कृत की पढ़ाई अनिवार्य की जाए.
अब बच्चों को तीसरी क्लास से ही पढ़ाई जाएगी संस्कृत, प्रस्ताव पेश
नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्कूलों में संस्कृत पढ़ाने का विचार किया जा रहा है. निगम पार्षद प्रवेश शर्मा ने स्कूल में संस्कृत पढ़ाए जाने का प्रस्ताव स्थाई समिति के समक्ष रखा है. प्रवेश शर्मा ने कहा कि संस्कृत हमारी मूल भाषा है. पूरी दुनिया से संस्कृत भाषा को मान्यता मिली हुई है. देश की ज़्यादातर भाषा मे संस्कृत के शब्दों का समावेश है.
तीसरी क्लास से ही पढ़ाई जाएगी संस्कृत
प्रस्ताव पर सहमति
संस्कृत की पढ़ाई के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए स्थाई समिति के अध्यक्ष सतपाल सिंह ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है. समिति के सभी सदस्य इस प्रस्ताव पर सहमत हैं. संस्कृत की पढ़ाई की शुरुआत निगम स्कूलों में अवश्य ही कराई जाएगी.