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निजीकरण और वेतन ना मिलने के विरोध उतरे निगम कर्मचारी, बैठक कर रखी बातें

दिल्ली के पहला पुस्ता स्थित वाल्मीकि मंदिर में एमसीडी पर्यावरण सहायक यूनियन ने निगम में निजीकरण, ठेकेदारी और वेतन समय पर न मिलने के विरोध में बैठक का आयोजन किया.

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Published : Oct 22, 2020, 9:26 PM IST

EDMC held meeting against not getting salary and privatization
निजीकरण और वेतन ना मिलने के विरोध उतरे निगम कर्मचारी

नई दिल्ली: एमसीडी पर्यावरण सहायक यूनियन ने निगम में व्याप्त निजीकरण, ठेकेदारी और वेतन समय पर न मिलने के विरोध में पूर्वी दिल्ली के पहला पुस्ता स्थित वाल्मीकि मंदिर में बैठक का आयोजन किया. बैठक में सैंकड़ों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.

निजीकरण और वेतन न मिलने के विरोध उतरे निगम कर्मचारी.

बैठक में सभी कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए निगम प्रशाशन के जरिए किए जा रहे निजीकरण को लेकर दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत को अवगत कराया और निगम में पैर पसार चुकी ठेकेदारी से मुक्ति पाने हेतु गुहार लगाई .

बैठक के दौरान आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने यूनियन पदाधिकारियों और निगम कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तक निजीकरण का अंदेशा था, लेकिन अब यह हकीकत में तब्दील हो गया है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के केंद्रीय संस्थापना विभाग (सीईडी) द्वारा साफ-साफ आदेश जारी कर दिए गए है कि भविष्य में एवजीदार सफाई कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट आधार(अनुबंध) पर समझा जाएगा और कोई भी कर्मचारी नियमत(पक्का) होने के लिए निगम बाध्य नहीं करेगा और ना ही कर्मचारी का अधिकार होगा.

चेयरमैन ने कहा कि बीजेपी शासित निगम में कर्मचारियों के प्रति अब तक का सबसे बड़ा कुठारघात है. एक बार पहले भी सन 1996 में बीजेपी के ही दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री दिवंगत साहिब सिंह वर्मा ने निगम को ठेकेदारों के अधीन सौंपने का फैसला किया था लेकिन ट्रेड यूनियन नेताओं की मुस्तैदी और एकजुटता के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था.

संजय गहलोत ने कहा कि जहां तक वेतन में हो रही देरी की बात है, तो इस संबेध में निगम के आला अधिकारियों से पूछने पर उन्होंने निगम खजाने में पैसा ना होने की बात कही गई है और दिल्ली सरकार से ही मदद मिलने के पश्चात वेतन देने हेतु कहा है. वहीं इस संबंध में आज जब दिल्ली सरकार में वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री से बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार वर्तमान महीने तक की देय राशि निगमों को दे चुकी है.

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