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पूर्वी दिल्ली: खिचड़ीपुर में 55 दिन से स्थानीय लोग कर रहे कूड़ाघर का विरोध - News

पूर्वी दिल्ली के खिचड़ीपुर इलाके में 55 दिन से निरंतर स्थानीय निवासियों का आंदोलन चल रहा है. लोगों को अभी तक कोई भी न्याय नहीं मिला है, ना ही उनकी मांगे पूरी हुई है. दरअसल स्थानीय लोगों की मांग है कि वहां के जर्जर पड़े कूड़ाघर को हटा कर वहां लाइब्रेरी या प्लेग्राउंड बना दिया जाए.

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कूड़ाघर का विरोध

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Published : Dec 11, 2019, 1:46 PM IST

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के खिचड़ीपुर इलाके में 55 दिन से स्थानीय लोग प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है. दरअसल स्थानीय लोगों की मांग है कि इलाके के जर्जर पड़े कूड़ादान के स्थान पर लाइब्रेरी या प्लेग्राउंड बना दिया जाए. आंदोलन की तीव्रता को देखते हुए डीसी ने भी दौरा किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. बुधवार को स्थानीय लोगों ने सर पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को सामने रखा है.

स्थानीय लोग कर रहे है कूड़ाघर का विरोध

कूड़ेदान को लेकर प्रदर्शन
खिचड़ीपुर इलाके के लोगों को आंदोलन करते आज पूरे 55 दिन हो चुके हैं. इलाके में जो कूड़ेदान है उसके लेकर ये आंदोलन हो रहा है. स्थानीय लोगों की मांग है कि इलाके में जो जर्जर कूड़ाघर गिर चुका है, वो अब दोबारा नहीं बनना चाहिए.

सिर पर काली पट्टी बांध किया प्रदर्शन
स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां ये कूड़ादान बना है, वो आवासीय इलाका है. जो अब घनी आबादी वाला इलाका बन चुका है. जब वो कूड़ा दान बना था, तब यहां पर घनी आबादी नहीं थी. इसलिए किसी को कूड़ेदान से दिक्कत भी नहीं थी, लेकिन अब यहां पर घनी आबादी रहती है. इसलिए इलाके में रहने वाले लोगों को कूड़ेदान के होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके कारण जानलेवा बीमारियां पैदा होती है और लोगों को दिक्कतें होती है.

साथ ही आसपास कई सारे स्कूल भी हैं. जिससे कि बच्चों भी को कूड़े के कारण दिक्कतें होती हैं. लोगों की यही मांग है कि कूड़ेदान की जगह पर या तो लाइब्रेरी बनाई जाए या प्लेग्राउंड.

निगम से बैठक में मिला था आश्वासन
स्थानीय लोगों ने बताया कि ईडीएमसी में उनकी 2 बार बैठक हुई हैं. जिसमें उस कूड़ेदान को लेकर बात हुई है. उनका कहना है कि डीसी भी उस जगह का दौरा करके गए हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि बैठक में भी उनको आश्वासन दिए गए थे, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है. बैठक हुए भी करीब 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब और कोई कार्रवाई नजर नहीं आ रही है.

नहीं हो रही कोई सुनवाई
इलाके के लोगों का साफ तौर पर कहना है कि विधायक और निगम पार्षद उनकी एक नहीं सुनते. जिसकी वजह से उन्हें आंदोलन करना पड़ रहा है. इस आंदोलन में महिलाएं भी काफी तादाद में शामिल रही.

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