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GTB अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने भरपेट खाने के लिए किया प्रदर्शन - लॉकडाउन पौष्टिक खाना

जीटीबी अस्पताल दिल्ली सरकार का दूसरा बड़ा अस्पताल है. यहां पौष्टिक और भरपेट खाना ना मिलने पर नर्सिंग स्टाफ ने प्रदर्शन किया. अस्पताल की नर्स का कहना है कि सरकार को इस बारे में कई बार अवगत कराया जा चुका है. लेकिन हालात ज्यों के त्यों हैं.

nursing staff protest demanding nutritious food
GTB अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ

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Published : Apr 18, 2020, 1:28 PM IST

नई दिल्ली:पौष्टिक और भरपेट खाना ना मिलने पर नर्सिंग स्टाफ ने प्रदर्शन किया. मामला पूर्वी दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल जीटीबी अस्पताल का है. अस्पताल की नर्स का कहना है कि सरकार को इस बारे में कई बार अवगत कराया जा चुका है. लेकिन हालात ज्यों के त्यों हैं. कोरोना योद्धाओं को सरकार ने भरपूर मदद देने का वादा किया था. नर्सिंग स्टाफ की भरपेट खाने की मांग के बाद सरकार के वादा पर सवाल खड़ा होता रहा है.

नर्सिंग स्टाफ ने भरपेट खाने के लिए किया प्रदर्शन

नर्सिंग स्टाफ को नहीं मिल रहा भरपेट खाना

जीटीबी अस्पताल दिल्ली सरकार का दूसरा बड़ा अस्पताल है. यहां कोरोना महामारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्य योद्धा के रूप में नर्स हमेशा की तैयार खड़ी रहती है. कोरोना वायरस के इस खतरे के बीच डयूटी करने वालों के लिए सरकार ने बड़े-बड़े वायदे और घोषणा की. किन्तु ये सभी वादे घोषणा उस वक्त खोखली नजर आयी जब जीटीबी अस्पताल के कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने वाली नर्सेज को पौष्टिक खाना तक नसीब नहीं हो पाने की बात सामने आ रही हैं.


पिछले 1 महीने से ये घटनाएं बार-बार होती रही

अस्पताल के नर्सिंग संगठन के सचिव ने सीएम अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और स्वास्थ्य सचिव के साथ ही अस्पताल निदेशक को इस संदर्भ में शिकायत भी की. परन्तु एक महीने से भोजन और अन्य सुनिधाएं केवल वादे और भाषण तक सीमित रही हैं. वहीं सुनवाई ना होने के बाद नर्सिंग अधिकारियों का सब्र का बांध टूट गया. वो बाहर आकर अस्पताल प्रशासन और दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं.

प्रदर्शन कर रही एक नर्स ने बताया कि पहले भी 17 अप्रैल शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ जब पौष्टिक खाना नहीं आया तो हंगामा खड़ा हो गया. तुरंत सह नर्सिंग अधीक्षक ममता वरुण और वीना सिंह और नर्सिंग अधिकारी राकेश बडगुजर ने मामले को शांत कराने के लिए घर से खाना बनाकर नर्सेज को खिलाया.


नर्सेज स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ की हड्डी होती हैं. अगर इनके स्वास्थ्य का सही से ध्यान नहीं रखा गया तो कहीं कोरोना वायरस से लड़ने की और भी भयावह ना हो जाए. आज अस्पताल में काम कर रही नर्स अपना घर परिवार छोड़कर अपने कर्तव्य निर्वाह के लिए कोरोना से जंग लड़ रही है. लेकिन अगर वो ही भूख और वायरस से संक्रमित हो जाएगीं. तो कौन कोरोना से लड़ने में सहायक होगा. प्रशासन और सरकार की खामोशी बहुत सवाल को जन्म देती हैं.

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