नई दिल्ली/नोएडा:गौतम बुद्ध नगर जिला जेल में ऐसे 5 दर्जन से ज्यादा कैदी हैं, जो जमानत मिलने के बावजूद त्योहारों पर जेल के अंदर ही रहेंगे. वो सारे लोग इस साल दिवाली कारागार में ही मनाएंगे. इसकी वजह है उनके द्वारा जमानती दाखिल नहीं कर पाना. हालांकि, कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें जमानती के बिना उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता है.
6 महीने से कर रहे रिहाई का इंतजार: लुक्सर स्थित जिला जेल की क्षमता 3750 कैदियों की है, जिसमें महिला और पुरुष मिलकर सजायाफ्ता बंदियो की संख्या 1266 है. विचाराधीन कैदियों की संख्या 1899 है. इस प्रकार जेल में कुल 3165 कैदी रखे गए हैं. इन कैदियों में से 60 के करीब ऐसे कैदी हैं, जो जमानती न मिलने के कारण 6 माह से अपनी रिहाई की बाट देख रहे हैं.
सीआरपीसी की धारा 337 के अनुसार, आरोपियों के जमानती से बॉण्ड भराया जाता है और गारंटी ली जाती है. यदि वह तारीख पर आरोपी नहीं आएगा, तो उसकी जिम्मेदारी जमानती को उठानी पड़ेगी. उसकी जमानती की राशि भी जब्त की जा सकती है और उसके खिलाफ कोर्ट में कंप्लेंट दर्ज करने की भी आजादी होती है. इस मामले में आरोपी की जमानत लेने पर लेने वाले पर पूरी जिम्मेदारी आ जाती है. इस कारण से बिना जान पहचान या गंभीर प्रवृत्ति के अपराधियों को जमानती मिलने में परेशानी होती है.