नई दिल्ली:दिल्ली केउपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोंडली स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और ‘गाद उपचार संयंत्र’ का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को 45 एमडीजी क्षमता वाले एसटीपी को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड कर सीवेज के पानी को बेहतर तरीके से शोधित करने के निर्देश दिए, ताकि गंदे पानी के बायोलॉजिकल ऑक्सीडेशन डिमांड (बीओडी) स्तर को शोधित कर 10 तक लाया जाए.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस कार्य को समय सीमा के अंदर काम पूरा करने के लिए कहा है. इसके अलावा कंपनी ने काम में किसी भी तरह की लापरवाही बरतने और देरी होने को लेकर डीजेबी को कड़े एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं. साथ ही हर दिन कार्य की रिपोर्ट दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ, उपमुख्यमंत्री को सौपेंगे. पूरी प्रक्रिया के दौरान सेफ्टी-सिक्योरिटी व क्वालिटी के सभी मानकों का पालन प्रतिबद्धता के साथ सुनिश्चित किया जाएगा.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि केजरीवाल सरकार राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न इलाकों विभिन्न वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने व यमुना की सफाई को लेकर चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है. हमने यमुना नदी को 2025 साल में पूरा साफ करने का लक्ष्य रखा है. यमुना तक साफ पानी पहुंचे इसी कड़ी में कोंडली में 45 एमडीजी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड किया जाएगा. शोधित पानी के पुनर्चक्रण और दोबारा इस्तेमाल उपयोग पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि एसटीपी से आने वाला उपचारित पानी न केवल यमुना को साफ करने में मदद करेगा, बल्कि अन्य चीजों के लिए भी बेहत उपयोगी है. इसे बागवानी और दिल्ली की झीलों का कायाकल्प करने आदि के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा, ताकि पीने योग्य पानी की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके.